Government Bungalows: संसद सदस्यता खत्म होने के बाद भी सरकारी बंगले में रह रहे ये नेता, लिस्ट में कांग्रेस नेता भी शामिल

Government Bungalows: जिस गति से राहुल गांधी से बंगला खाली करवाया गया है, इसे लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। क्योंकि दिल्ली की सरकारी कोठियों में अभी भी ऐसे कई राजनेता आराम फरमा रहे हैं, जो संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। कुछ तो बीते चार सालों से संसदीय राजनीति में सक्रिय भी नहीं हैं। फिर भी उन तक अभी बंगाल खाली करने का नोटिस नहीं पहुंचा है।

Update:2023-04-23 20:04 IST

Government Bungalows: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकारी बंगले के आवंटन या उसे खाली कराने को लेकर राजनीति होती रही है। एकबार ये विषय चर्चाओं में है। दरअसल, शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 12,तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। गांधी इस बंगले में पिछले 19 साल से रह रहे थे। मानहानि के मामले में दोषी पाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई, जिसके बाद सरकार की ओर से उन्हें आवंटित बंगला करना का नोटिस मिल गया।

जिस गति से राहुल गांधी से बंगला खाली करवाया गया है, इसे लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। क्योंकि दिल्ली की सरकारी कोठियों में अभी भी ऐसे कई राजनेता आराम फरमा रहे हैं, जो संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। कुछ तो बीते चार सालों से संसदीय राजनीति में सक्रिय भी नहीं हैं। फिर भी उन तक अभी बंगाल खाली करने का नोटिस नहीं पहुंचा है। खासबात ये है कि ऐसे छह नेताओं की सूची में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का भी नाम शामिल है।

लालकृष्ण आडवाणी

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शुमार लालकृष्ण आडवाणी अब संसदीय राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। 2014 का आम चुनाव उनका आखिरी इलेक्शन था। साल 2019 से वह संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। आडवाणी लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के मेंबर भी रह चुके हैं। वह अपने सरकारी आवास बंगला नंबर 30, पृथ्वीराज रोड, लोधी स्टेट,नई दिल्ली में रह रहे हैं। उन्हें अब तक बंगला खाली करना का नोटिस नहीं मिला है। संबंधित विभाग का कहना है कि आडवाणी जैसे कद के नेता की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील है। उनकी जान को खतरा है। इसलिए उनसे सरकारी बंगला वापस नहीं लिया जा सकता है।

मुरली मनोहर जोशी

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी भी सक्रिय राजनीति से दूर हो चुके हैं। साल 2014 का आम चुनाव उनका भी आखिरी चुनाव था। केंद्र में रह चुके जोशी साल 2019 से संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसके बावजूद वो अपने सरकारी बंगले 6 रायसीना रोड, संसद मार्ग एरिया, नई दिल्ली में रहते हैं। मुरली मनोहर जोशी को भी सरकार की ओर से बंगला खाली करने का नोटिस नहीं भेजा गया है। सरकार ने इसकी वजह सुरक्षा मामलों को बताया है। उनका कहना है कि जोशी को आतंकियों से जान का खतरा है।

मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती भी उन राजनेताओं में शुमार हैं, जो फिलहाल संसद के दोनों सदनों में से किसी एक की भी सदस्य नहीं हैं। अपने लंबे सियासी करियर में बसपा सुप्रीमो संसद के दोनों सदनों का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। मायावती ने साल 2017 में राज्यसभा में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दे दिया था। इसके बावजूद वो पांच साल तक 3, त्यागराज रोड स्थित सरकारी बंगले में रहीं। 2022 में मोदी सरकार ने उन्हें 29 लोदी स्टेट का बंगला आवंटित कर दिया। इसके पीछे दो वजह बताई गई, पहली मायावती एक राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष हैं और दूसरा उन्हें भी सुरक्षा का खतरा है।

आनंद शर्मा

लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा का है। आनंद शर्मा का राज्यसभा में कार्यकाल बीते साल अप्रैल में ही खत्म हो गया था, इसके बावजूद साल भर से वह अपने सरकारी बंगले में रह रहे हैं। उन्हें उनका सरकारी बंगला 28 लोधी स्टेट खाली करने का नोटिस नहीं दिया गया है। आनंद शर्मा का नाम चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि उन्हीं के पार्टी के सबसे सीनियर नेता राहुल गांधी से सरकार ने महीने भर के अंदर सरकारी बंगला खाली करवा लिया है। वैसे जानकारी के लिए आपको बता दें कि शर्मा कांग्रेस के उन जी23 नेताओं के समूह से आते हैं, जिन्होंने एक तरह से गांधी परिवार के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।

गुलाम नबी आजाद

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद भी ऐसे नेताओं में शुमार हैं, जो राज्यसभा में अपना कार्यकाल पूरा करने के बावजूद सरकारी बंगले में बने हुए हैं। उन्हें सरकार की ओर से 5, साउथ एवेन्यू लेन, नई दिल्ली का बंगला मिला है, जिसे खाली करने का नोटिस उन्हें अब तक नहीं मिला है। गृह मंत्रालय ने इसकी पीछे की वजह उनकी सुरक्षा को बताया है। बता दें कि आजाद कांग्रेस छोड़ जम्मू कश्मीर में अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की तरह वो भी जी23 के मेंबर थे।

वाईएस चौधरी

इस सूची में दक्षिण भारत से आने वाले एक बीजेपी नेता का नाम भी शामिल है। कारोबारी से नेता बने वाईएस चौधरी का राज्यसभा में कार्यकाल अप्रैल 2022 में ही खत्म हो गया था। इसके बावजूद दिल्ली स्थित अपने सरकारी बंगले में वो रह रहे हैं। उन्हें अब तक बंगला खाली करने का नोटिस नहीं मिला है। आंध्र प्रदेश से आने वाले वाईएस चौधरी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। 2019 में जिन चार टीडीपी के राज्यसभा सांसदों ने बीजेपी का दामन थामा था, उनमें वाईएस चौधरी भी शामिल हैं। उनपर करप्शन के गंभीर आरोप भी हैं, जिसकी जांच ईडी-सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। हालांकि, बीजेपी में आने के बाद से जांच की गति मंद पड़ चुकी है।

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