अब बिना इजाजत आंध्र प्रदेश में नहीं घुस पाएगी CBI, केंद्र से टकराव के मूड में नायडू

Update:2018-11-16 13:54 IST

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केन्द्र सरकार को सीधी चुनौती देते हुए राज्य में सीबीआई के पर पूरी तरह कतर दिए हैं। इस बाबत राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब सीबीआई टीम को किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य में घुसने से पहले राज्य सरकार की इजाजत लेनी होगी। बिना इजाजत के सीबीआई टीम आंध्र में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। नायडू के इस फैसले ने सबको चौंका दिया है।

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चंद्रबाबू नायडू सरकार के इस कदम के बाद आंध्र और केंद्र के बीच टकराव का एक नया मुद्दा खड़ा हो गया है। तेलुगू देशम पार्टी ने इस साल की शुरुआत में भाजपा शासित केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से दोनों के रिश्ते सामान्य नहीं हुए हैं। नायडू ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। उनके इस कदम से माना जा रहा है कि वे पूरी तरह मोदी सरकार से टकराव के मूड में हैं।

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लेनी होगी लिखित अनुमति: सीबीआई के बारे में राज्य सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें स्पष्टï किया गया है कि अब से सीबीआई किसी भी केस में अगर कोई जांच-पड़ताल करना चाहती है या फिर सर्च ऑपरेशन चलाना चाहती है तो इसके लिए सीबीआई को पहले सरकार को बताना होगा।

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बताना ही नहीं होगा बल्कि लिखित अनुमति लेनी होगी। बिना लिखित अनुमति के सीबीआई के किसी भी अधिकारी को राज्य में एंट्री नहीं करने दिया जाएगा। नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 को वापस ले लिया गया है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई का गठन दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत ही किया गया है।

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एसीबी निभाएगी सीबीआई की जिम्मेदारियां: फैसले के संबंध में प्रधान सचिव (गृह) एआर अनुराधा ने आदेश जारी किया जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश के मुताबिक अब राज्य जांच एजेंसी (एसीबी) राज्य में सीबीआई की जिम्मेदारियों को निभाएगी। इसका मतलब यह है कि अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमा के अंदर सीधे किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

कुछ दिनों पहले ही नायडू ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह उनसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए राज्य को खत्म करने की साजिश कर रही है। सीबीआई से शक्तियां लेकर एसीबी को देने की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव और बढ़ सकता है। अब शक की किसी भी स्थिति में एसीबी राज्य में स्थित केंद्र सरकार के विभागों और संस्थानों पर छापा मार सकती है।

आंध्र में सीबीआई का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं: सीबीआई में पिछले दिनों मची उथल-पुथल के बाद नायडू ने ये फैसला लिया है। हाल ही में सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और जांच एजेंसी में नंबर दो राकेश अस्थाना पर रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं। इसके बाद दोनों अधिकारियों को अघोषित छुट्टी पर भेज दिया गया और जांच पूरी होने तक नागेश्वर राव को डायरेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई।

दोनों अधिकारियों का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। राज्य सरकार का मानना है कि हाल में उपजे विवाद के कारण सीबीआई ने अपनी पवित्रता और विश्वसनीयता खो दी है। इसी वजह से आंध्र के मामलों में उसका हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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