मांझी से कम नहीं ये महिलाएं, पहाड़ काट ऐसे बनाया रास्ता, लोग कर रहे तारीफ

इन 250 महिलाओं ने पहाड़ को काटकर एक ऐसा रास्ता बनाया है, जिससे उनके गांव के तालाब में पानी आ सके। 18 महीने की कड़ी मेहनत तब रंग लाई जब उनके काटे गए पहाड़ के रस्ते तालाब में पानी भरने लगा।

Update: 2020-09-27 14:12 GMT
छतरपुर की महिलाएं

अगर आपके अन्दर कुछ कर गुजरने की चाहत हैं तो आपको फर्क नहीं पड़ेगा की रास्ता कितना कठिन हैं, या सफलता के रास्तें पर चलने पर आपको किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसी ही मिसार दी है छतरपुर जिले के अंगरोठा गांव की इन महिलाओं ने।

महिलाओं की सफल कोशिश

इन 250 महिलाओं ने पहाड़ को काटकर एक ऐसा रास्ता बनाया है, जिससे उनके गांव के तालाब में पानी आ सके। 18 महीने की कड़ी मेहनत तब रंग लाई जब उनके काटे गए पहाड़ के रस्ते तालाब में पानी भरने लगा। वहीं, एक ग्रामीण ने कहा, 'हमारे गांव में पानी की समस्या है। हमारे गांव की 250 महिलाओं ने तालाब में पानी लाने के लिए ऐसा काम किया।'



ऐसे किया तालाब का निर्माण

तालाब में पाने देख सभी गांव वालों के चहरे फिर से खिल उठे।वह के निवासी का कहना हैं कि पहली वह बारिश का पानी बह कर बिकल जाता था लेकिन अब इस पानी को सहेज कर इन महिलाओं ने गांव की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी हैं। 10 साल पहले 40 एकड बुन्देलखंड पैकेज का तहत इस तालाब का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन इस तालाब में बारिश का पानी ना आने से तालाब सुखा ही रहता था। जिसके बाद इन महिलाओं में मिल कर पहाड़ को काटकर इस 40 एकड तालाब में पानी भर दिया।

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