विश्व विख्यात मंदिर जिसमें लगती भक्तों की लंबी कतार, कल से खुलेंगे इसके द्वार

महामारी के प्रकोप के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण बीते 80 दिनों से बंद देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति तिरुमला बालाजी का मंदिर 11 जून से भक्तों के लिए खोला जाएगा।

Update: 2020-06-10 12:12 GMT

नई दिल्ली। महामारी के प्रकोप के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण बीते 80 दिनों से बंद देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति तिरुमला बालाजी का मंदिर 11 जून से भक्तों के लिए खोला जाएगा। ये मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में स्थित है। फिलहाल तो जिस तरह इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता था, उतनी भीड़ अब नजर नहीं आएंगी। पहले मंदिर में हर रोज 50,000 से एक लाख भक्त दर्शन के लिए आया करते थे। लेकिन महामारी के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अब यहां सिर्फ 6000 भक्त ही रोज दर्शन कर सकते हैं।

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बेहद खास बातें

देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति तिरुमला बालाजी से जुड़ी बेहद खास बातें आपको बताते हैं। इस मंदिर में इतनी शक्ति है कि ये भक्ति को आर्कषित करती है। साथ ही ये मंदिर तिरुपति शहर की ही अर्थव्यवस्था नहीं चलाता बल्कि कई चैरिटी से जुड़े काम भी करता है। इस मंदिर में यहां करना हमेशा से ही बहुत नियमबध्द रहा है।

तिरुपति रेलवे स्टेशन से ये मंदिर 22 किलोमीटर दूर तिरुमाला पहाड़ियों पर है। इसे भगवान वेंकटेश्वर बालाजी का मंंदिर कहा जाता है। यहां मंदिर में पूजा-पाठ सुबह पांच बजे से शुरू होकर तकरीबन रात 09 बजे तक चलता रहता हैं।हालांकि ऐसे समय में अब दर्शन का टाइम सुबह 06.30 से शाम 07.30 बजे तक होगा।

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आंध्रप्रदेश के तिरुमाला का ये विश्व प्रख्यात मंदिर राजा श्रीकृष्णदेवराय के साम्राज्य का अंग था। अंग्रेज जब भारत आए तब उन्होंने यहां प्रशासनिक तौर पर राज्यों का गठन किया तो ये जगह मद्रास प्रेसीडेंसी में चली गई। फिर देश की स्वतंत्रता के बाद जब फिर से राज्यों का पुनर्गठन हुआ तो बालाजी का ये प्रसिद्ध तीर्थस्थान आंध्र प्रदेश में आ गया।

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दूर दूर तक ये पहाड़ियां फैली

भव्य खूबसूरती वाली तिरुमाला पहाडिय़ां बेहद गजब की प्राकृतिक छटा और सुंदरता को समेटे हुए हैं। सिर्फ तिरुमाला में ही नहीं बल्कि आसपास यहां दूर दूर तक ये पहाड़ियां फैली हुई हैं।

तिरुमाला की सात उल्लेखनीय चोटियां हैं, जिसमें वेंकटाद्रि नाम की सातवीं चोटी पर श्री वेंकटेश्वर पवित्र व प्राचीन मंदिर स्थित है। प्रभु वेंकटेश्वर या बालाजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।

साथ ही ऐसा माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था। और यह तालाब तिरुमाला के पास है।

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लगातार मुफ्त खाना परोसा जाता

मंदिर में भक्तों की कतारें लगी रहती हैं। भगवान बालाजी के दर्शन करके मुख्य मंदिर से निकलते ही सामने अन्न प्रसादम है। ये बड़ी इमारत हर समय हजारों श्रद्धालुओं का इतंजार करती है।

मंदिर की इस विशाल दो मंजिला इमारत में कम से कम आठ बड़े हाल हैं। यहां पर पहले हर आधे घंटे में एक हाल में एक हजार लोगों को लगातार मुफ्त खाना परोसा जाता था। लेकिन अब निश्चित तौर पर उसमें कमी आएगी। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक तय दूरी का भी खयाल रखा जाएंगा।

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