कश्मीर में बंद इंटरनेट: धारा 370 हटने के बाद पहली बार घाटी में हुआ ऐसा, यासीन मालिक की सजा से आतंकी खतरा बढ़ा
Yasin Malik News: यासीन मलिक ( Yasin Malik) को टेरर फंडिग मामले में एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दिया गया है।
Yasin Malik News: अलगाववादी नेता यासीन मलिक ( yasin malik) को टेरर फंडिग मामले (terror funding cases) में एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद कश्मीर में इसका बड़ा असर देखने को मिला है। सुरक्षा को देखते हुए कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि जम्मू -कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जबकि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में सभी नेटवर्क सेवा प्रदाताओं की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों की मानें तो फाइबर और ब्रॉडबैंड समेत फिक्स्ड लाइन पर इंटरनेट सेवाएं अभी चालू हैं।
टेरर फंडिंग से जुड़े नेटवर्क में हिस्सेदारी में कोर्ट ने दोषी माना
आतंकी गतिविधियों के लिए कोर्ट ने माना दोषी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकी गतिविधियों समेत कई अन्य गैर कानूनी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए फंडिंग में मददगार तथा दुनिया भर में टेरर फंडिंग से जुड़े नेटवर्क में हिस्सेदारी देने के लिए दिल्ली की लड़ाई है कोर्ट ने दोषी माना है। बता दें जम्मू कश्मीर में 13 फंडिंग के कारण तेजी से बढ़ रही आतंकी गतिविधियों को देखते हुए साल 2017 में एनआईए ने 30 मई को यासीन मलिक समेत कई अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
जम्मू-कश्मीर में नागरिकों तथा सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा फ़ैलाने का आरोप
इस मामले को लेकर एनआईए की ओर से साल 2018 में 18 जनवरी को करीब 12 लोगों से अधिक के खिलाफ आरोपों का चार्ट शीट फ़ाइल किया गया था। इस मामले की जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) की ओर से कोर्ट में बयान दिया गया था कि हिज्बुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen), जैश-ए मोहम्मद (Jaish-e Mohammad) लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जेकेएलएफ जैसे कई आतंकी संगठन पाकिस्तान का समर्थन कर जम्मू-कश्मीर में नागरिकों तथा सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा फैला रहे हैं।
कौन है यासीन मलिक (Who is Yasin Malik)
56 वर्षीय यासीन मलिक 1990 के दौर में आतंकवाद की शुरुआत के पहले अपने छात्र जीवन के समय से ही जेल आता-जाता रहा। अपनी रिहाई के बाद साल 1994 में हिंसा का रास्ता छोड़कर राजनीति में आने वाले मलिक ने गांधीवादी तरीके से विरोध करने की घोषणा की थी और उसे अलगाववादी खेमे में एक उदारवादी आवाज के तौर पर देखा जाता था।
एक पाकिस्तानी कलाकार से शादी करने वाले मलिक की 10 साल की बेटी भी है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मलिक को 2019 की शुरुआत में 2017 में दर्ज आतंक के वित्तपोषण संबंधी मामले में गिरफ्तार किया था। यासीन मलिक का जन्म श्रीनगर स्थित मैसूमा इलाके में तीन अप्रैल 1966 को हुआ था।