नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र सरकार के एकल ब्रांड खुदरा व्यापार में स्वचालित मार्ग के जरिए 100 फीसदी एफडीआई को अनुमति देने के फैसले की निंदा की है। माकपा ने चेतावनी दी कि इससे घरेलू खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों को हानिकारक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अबतक स्वचालित मार्ग के तहत 49 फीसदी तक एफडीआई की इजाजत थी।
माकपा ने एक बयान में कहा, "खुदरा व्यापार में एफडीआई को आजादी देने वाला यह कदम घरेलू खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों के लिए हानिकारक परिणाम ला सकता है।"
बयान में कहा गया है, "यह कदम दर्शाता है कि मोदी सरकार बहु-ब्रांड खुदरा व्यापार में एफडीआई को लागू करने की ओर अग्रसर है।"
माकपा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पार्टी विपक्ष में थी तो वह खुदरा व्यापार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश का विरोध करती थी, और अब सरकार में आते ही उसने पाखंडपूर्ण ढंग से अपनी स्थिति बदल ली।
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माकपा ने एयर इंडिया में विदेशी विमानन कंपनियों को 49 फीसदी तक निवेश करने की इजाजत देने की भी कड़ी आलोचना की है।
माकपा ने कहा, "एयर इंडिया के निजीकरण का फैसला दिखाता है कि मोदी सरकार अब एयर इंडिया को एक विदेशी विमानन कंपनी को हस्तांतरित करने की ओर अग्रसर है।"
माकपा ने सरकार से परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर बनी संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का ख्याल रखने को कहा, जो एयर इंडिया के निजीकरण के फैसले की समीक्षा करने के लिए कहती है और विमानन को अपना कर्ज चुकाकर पुनर्जीवित करने के लिए पांच साल का वक्त मुहैया कराने की सिफारिश करती है।