अहमदाबाद: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार (29 नवंबर) को सोमनाथ के प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन किए, लेकिन दर्शन के दौरान कुछ ऐसा कर बैठे जिससे गुजरात के चुनावी माहौल में भूचाल आना तय है।
दरअसल, सोमनाथ के मंदिर में ग़ैर-हिंदू दर्शनार्थियों के लिए एक रजिस्टर रखा गया है, जिसमें उनलोगों को हस्ताक्षर करने होते हैं जो हिंदू नहीं हैं। राहुल और अहमद पटेल ने भी उस रजिस्टर में साइन कर दिया। इसके बाद से गुजरात में राहुल विरोधी नेताओं को उनपर हमले का मौका मिल गया। जैसे-जैसे यह ख़बर फैल रही है, राहुल को उनके धर्म के लिए निशाने पर लिया जा रहा है।
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सोमनाथ ट्रस्ट के जनरल मैनेजर विजय सिंह चावड़ा ने बताया कि बुधवार को राहुल गांधी ने गैर हिंदू के तौर पर दर्शन किए। सोमनाथ ट्रस्ट ने मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश के लिए पिछले साल एक नियम बनाया था। जिसके तहत राहुल गांधी ने अपने पारसी धर्म का उल्लेख करते हुए अपना नाम दर्ज कराया। उनके साथ अहमद पटेल भी थे।
विरोधियों का वार शुरू
विरोधियों ने कहना शुरू कर दिया है, कि इस साइन से वो सबूत सामने आ गया है, जो राहुल के गैर-हिंदू होने का प्रमाण देता है। इससे पहले भी राहुल पर गैर-हिंदू होने के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के धर्म को लेकर भी ऐसी ही आपत्तियां जताई जाती रही हैं।
आज ही मोदी ने नेहरू पर साधा था निशाना
वहीं, बुधवार को ही एक जनसभा में पीएम मोदी ने भी सोमनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा और कहा, कि 'वो सोमनाथ मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं थे। यदि सरदार पटेल नहीं होते तो ये मंदिर बन भी नहीं पाता। पं. नेहरू ने तो इसके उदघाटन के लिए देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के आने पर भी नाराजगी जाहिर की थी।'
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राहुल अपने परिवार का इतिहास भी जान लें
पीएम ने राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर जाने पर चुटकी लेेते हुए कहा था, कि 'कांग्रेस उपाध्यक्ष को इस मंदिर के साथ अपने परिवार का इतिहास भी जान लेना चाहिए।'