देश से 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य: PM मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को देश से क्षय रोग यानी टीबी उन्मूलन करने के लिए 2025 की समयसीमा निर्धारित की। मोदी ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 'टीबी उन्मूलन' शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में

Update:2018-03-14 08:55 IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को देश से क्षय रोग यानी टीबी उन्मूलन करने के लिए 2025 की समयसीमा निर्धारित की। मोदी ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 'टीबी उन्मूलन' शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा, "भारत ने 2025 तक पूरी तरह से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है जबकि वैश्विक लक्ष्य 2030 का है।"

उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ दक्षिण एशिया क्षेत्र और टीबी रोको साझेदारी की ओर से आयोजित दिल्ली सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा के सितंबर 2018 में होने वाले सम्मेलन के पूर्व यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम है क्योंकि संपूर्ण मानवता के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2025 तक इस लक्ष्य को हासिल करने के प्रति आश्वस्त है क्योंकि सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है।

वर्ष 2016 में भारत में क्षयरोग से 4,00,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई, जोकि पूरी दुनिया में इस रोग से मरने वालों की संख्या का एक तिहाई है।

मोदी ने कहा कि भारत में 30-35 साल से टीकाकरण हो रहा है लेकिन 2014 में इसकी दर महज एक फीसदी थी जिससे देश से क्षय रोग के खात्मे में और 40 साल लग जाएंगे। उन्होंने बताया, "पिछले साढ़े तीन साल में यह दर छह फीसदी से ज्यादा हो गई है। मुझे विश्वास है कि अगले साल तक देश में टीकाकरण 90 फीसदी हो जाएगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "टीबी का इलाज टीवी देखना छोड़ने से कहीं ज्यादा आसान है।" उन्होंने कहा कि लोगों को स्थानीय स्तर पर जागरूकता पैदाकर टीबी मरीजों को सही इलाज करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस रोग के खात्मे के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह गरीबों के जीवन में सुधार से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि इसका सबसे ज्यादा शिकार भी गरीब ही होते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारों की भूमिका अहम है और उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इस अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीबी को खत्म करने के लिए टीबी फिजीशियन और स्वास्थ्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि हर वह व्यक्ति जो इस बीमारी को हराकर ही दम लेता है, वह भी प्रशंसा का पात्र है।

प्रधानमंत्री ने 'मिशन इंद्रधनुष' और 'स्वच्छ भारत' का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र सरकार तय किए गए लक्ष्यों को लेकर तेजी से कार्य कर रही है।

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