तमिलनाडु: किसानों ने 25 मई तक टाला विरोध प्रदर्शन, मांगें पूरी न होने पर फिर करेंगे आंदोलन
तमिलनाडु के सीएम ई.के. पलानीसामी द्वारा रविवार (23 अप्रैल) को दिए गए मदद के आश्वासन के बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने 25 मई तक के लिए अपना विरोध प्रदर्शन टाल दिया है।
चेन्नई: तमिलनाडु के सीएम ई.के. पलानीसामी द्वारा रविवार (23 अप्रैल) को दिए गए मदद के आश्वासन के बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने 25 मई तक के लिए अपना विरोध प्रदर्शन टाल दिया है। गौरतलब है कि सूखा राहत कोष और कर्ज़ माफी को लेकर ये किसान पिछले करीब 40 दिनों से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों ने कहा है कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गईं तो 25 मई से दोबारा आंदोलन करेंगे।
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बता दें, कि तमिलनाडु के किसानों ने शनिवार (22 अप्रैल ) को अपना विरोध जताने के दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर अपना पेशाब पिया। इतना ही नहीं, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो वो रविवार (23 अप्रैल) को मानव मल खाकर प्रदर्शन करेंगे। विरोध कर रहे किसान अपने साथ मानव कंकाल भी लाए थे, जिसे लेकर इन लोगों का दावा था कि ये उन किसानों के हैं, जिन्होंने आत्महत्या की है। इन लोगों ने नग्न होकर रायसीना हिल्स पर प्रदर्शन करने के अलावा चूहे और सांप भी खाए थे। इसके अलावा नकली अंत्येष्टि भी की थी।
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क्या है पूरा मामला ?
-तमिलनाडु के किसान पिछले एक महीने से केंद्र सरकार से कर्जमाफी और वित्तीय सहायता की मांग के साथ धरने पर बैठे हैं।
-सूखे के कारण उनकी फसल बर्बाद हो गई है। इन किसानों की मांग है कि सरकार उनके लिए सूखा राहत पैकेज जारी करे।
-किसानों की यह भी मांग है कि उनको अगले साल के लिए बीज खरीदने दिए जाएं और उनको हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
-अपनी मांग पूरी करने के लिए वो काफी समय से धरने पर हैं, मगर उनको हर रोज मायूसी का सामना करना पड़ा।
-सरकार की इस नजरअंदाजी से गुस्साए किसानों ने बड़ा कदम उठाते हुए पेशाब पीकर प्रदर्शन किया।
-नैशनल साउथ इंडियन रिवर लिंकिंग फॉर्मर्स एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट पी अय्याकनकु ने कहा कि तमिलनाडु में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा और पीएम मोदी हमारी प्यास की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार हमें इंसान ही नहीं समझती।