Lucknow Organic Restaurant: लखनऊ में खुला देश का पहला ऑर्गेनिक रेस्तरां, गाय से कराया उद्घाटन, ये बड़ी सुविधाएं

Lucknow Organic Restaurant: आपने कभी सुना है कि कोई गाय किसी रेस्तरां का उद्घाटन करने पहुँची है। लखनऊ में ऐसा एक मामला सामने आया है। एक ऑर्गेनिक रेस्तरां का उद्घाटन गाय द्वारा करवाया गया।

Update: 2023-04-20 15:43 GMT
लखनऊ के आर्गेनिक रेस्ट्रॉंट का गाय से कराया उद्धघाटन

Lucknow Organic Restaurant: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश का पहला ऑर्गेनिक रेस्तरां खुला है। इसका नाम ‘ऑर्गेनिक ओएसिस’ रखा गया है। पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह इस रेस्तरां के मालिक है। इस रेस्तरां के उद्घाटन के लिए चीफ़ गेस्ट के तौर पर गाय को बुलाया गया। गाय को हिन्दू संस्कृति का प्रतीक और अभिन्न अंग बताते हुए कराया उद्घाटन |

लखनऊ में खुला देश का पहला ऑर्गेनिक रेस्ट्रॉंट

लखनऊ के लुलु मॉल के निकट गोमतीनगर में देश का पहला ऑर्गेनिक रेस्तरां ‘ऑर्गेनिक ओएसिस’ का उद्घाटन करने देसी गिर नस्ल की गाय पहुंची। गाय के उद्घाटन में पहुंचने पर यह नजारा देखने लायक़ था। इसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्टा हुए।

क्या कहते है रेस्तरां के मालिक

रेस्तरां के मालिक और पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने किसान और गाय को अपनी संस्कृति और समाज का एक अभिन्न अंग बताया। गाय को हिंदू संस्कृति का एक अभिन्न अंग मानते हुए शैलेंद्र सिंह ने गाय को मुख्य अतिथि की तरह चुना न कि किसी नेता या वरिष्ठ अधिकारी को। उन्होंने बताया कि उनके रेस्तरां में परोसा जाने वाला भोजन पूर्णतः ऑर्गेनिक होगा। खेतों और किसानों के ऑर्गेनिक उपज का प्रयोग किया जाएगा जिससे किसानों का भी फ़ायदा हो।

रेस्ट्रॉ में गाय से कराया उद्घाटन का वीडीओ हो रहा वायरल

वीडीओ में गाय पीला कपड़ा पहन कर ऑर्गेनिक रेस्तरां का उद्घाटन करने आयी। रेस्ट्रॉ के मालिक शैलेंद्र सिंह ने कहा गाय हमारी अर्थव्यवस्था की धरोहर है इसलिए इसे सम्मान देने के लिए यह रेस्ट्रॉ खोला गया है। पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह गौ आधारित ऑर्गैनिक खेती पिछले एक दशक से कर रहे है। शैलेन्द्र सिंह कि उनकी डेरी का दूध लेने वाले ग्राहक उनके खेत में पैदा होने वाले फल और सब्ज़ी भी ख़रीदते है।

बैल द्वारा बिजली पैदा की जाती

शैलेंद्र सिंह निराश्रित बैल के माध्यम से बिजली पैदा करने का काम भी करते है। नदी रथ पर चलते बैल के माध्यम से बिजली पैदा होती है जिसका इस्तेमाल गौशाला और फार्म हाउस में होता है। इस तकनीक को विदेशियों द्वारा काफ़ी सराहा गया है।

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