थप्पड़ मारने में पीछे नहीं हैं भाजपाई
यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुयी इस घटना में सांसद महोदय स्वयं मौजूद थे। यह कोई पहला मौका नहीं था जब इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया बल्कि इस तरह की घटनाओं को विभिन्न जिलों में अंजाम दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कितनी भी नसीहत क्यों न दे लेकिन भाजपाई हें कि मानते ही नही। उनकी नसीहत बेमानी साबित हो रही है। पार्टी के संयमित, अनुशासित और मर्यादित होने के सारे दावों की हवा निकल रही है। भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं का आचरण भी दूसरी पार्टी के लोगों जैसा है। पिछले दिनों मध्यप्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता विजय वर्गीय के पुत्र आकाश विजय वर्गीेय जो विधायक भी है ने निगम के अधिकारियों की बल्ले से जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पूरे देश में भाजपा की खासी किरकिरी हुयी। बावजूद इसके आकाश के पिता विजय वर्गीेय अपने पुत्र के इस कृत्य की निंदा करने के बजाए उसके बचाव में उतरे।
इस घटना को अंजाम देकर आकाश वर्गीेय ने कोई नया काम नहीं किया बल्कि इसकी तालीम उसे अपने पिता विजय वगीेय से ही मिली थी जो अपने समय में सरकारी कर्मचारियों पर जूता तक निकाल लेते थे, आकाश ने घटना को अंजाम दिया उसका भाजपा नेतृत्व ने भले संज्ञान न लिया हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका स्वत संज्ञान लेते हुए ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की हामी भरी । पीएम मोदी की सख्ती के बाद एमपी भाजपा हरकत में आई और विधायक आकाश वर्गीेय को नोटिस जारी किया गया।
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मध्य प्रदेश में इस तरह की यह घटना पहली नहीं थी। पार्टी की फायरब्रांड नेत्री और वहां की सीएम रही उमा भारती ने अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता के थप्पड़ जड़ दिया था। जिसके बाद उन्होंने अपने इस कृत्य पर माफी भी मांगी। तब जाकर मामला शांत हुआ था। मध्य प्रदेश के ही नक्शेकदम पर यूपी में भी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक प्रकाश द्विवेदी ने लोकभवन में सुरक्षाकर्मियों अभद्रता की।
हाल ही में बलिया के बेल्थरा रोड के विधायक धनंजय कनौजिया ने पीडब्लूडी के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी को चांटा जड़ा था लेकिन इन घटनाओं का सरकार और संगठन ने भले न संज्ञान लिया हो लेकिन यह घटना समाचारपत्रों की सुर्खियां बनी। इन ं घटनाओं को हुए कुछ ही दिन बीते थे कि पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री और इटावा से एससीएसटी कमीशन के चेयरमैन सांसद रमाशंकर कठेरिया के सुरक्षाकर्मियों ने आगरा टोलप्लाजा पर उनके कर्मियों से जमकर मारपीट की।
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यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुयी इस घटना में सांसद महोदय स्वयं मौजूद थे। यह कोई पहला मौका नहीं था जब इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया बल्कि इस तरह की घटनाओं को विभिन्न जिलों में अंजाम दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश नेतृत्व द्वारा होने वाली बैठकों में विधायकों सांसदों से अपना आचरण सही रखने की नसीहते दी जाती रही है। लेकिन उनका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। इसी तरह धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा ने अपने क्षेत्र में एक पुलिस कर्मी का थप्पड़ जड़ दिया था और
लोकसभा चुनाव के पहले भी संतकबीरनगर के तत्कालीन सांसद शरद त्रिपाठी का जूता कांड काफी चर्चा में रहा था। यूपी में जब दो साल पहले भाजपा को तगडा जनादेश मिला और प्रदेश में योगी सरकार का गठन हुआ तो जनता को इस बात की उम्मीद थी कि भाजपा अन्य दलों से अलग है लेकिन शुचिता समरसता की बात करने वाली भाजपा की सरकार में भी पूर्व की सपा-बसपा सरकारों की तरह जनप्रतिनिधियों की मारपीट की घटनाएं आम होती जा रही हे।
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संतकबीर नगर में तत्कालीन सांसद शरद त्रिपाठी और मेहदावल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राकेश सिंह के बीच शिलापट में नाम लिखाने को लेकर जो जूतमपैजार होने के बाद जो वीडियों वायरल हुआ उसको पूरे देश ने देखा। दिलचस्प बात यह रही कि घटना के समय योगी सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोश टंडन भी मौजूद थे।
अभी दो दिन पहले ही उन्नाव में जिला समन्वय समिति की बैठक जिले के प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री और सांसद साक्षी महाराज के सामने पुरवा विधानसभा सभा से विधायक अनिल सिंह की समाज कल्याण अधिकारी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद विधायक अधिकारी को खुलेआम धमकी देते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि मैं एक-एक को ठीक कर दूंगा।
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योगी सरकार के गठन के बाद पिछले साल जनवरी में कम्बल वितरण को लेकर धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा और महौली से भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट और गालीगलौच हो चुकी है। इस दौरान विधायक शशांक के समर्थकों ने सांसद के बेटे अनमेश वर्मा की पिटाई भी कर दीं। सांसद रेखा वर्मा पर विधायक शंशाक त्रिवेदी पर चप्पल पर चप्पल दिखाने का भी आरोप लगा। इस घटना का भी वीडियो पूरे देश में वायरल हुआ। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनााि ने दोनों जनप्रतिनिधियों को लखनऊ तलब कर अनुशासन का पाठ पढाया। साथ ही भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न होने देने की हामी भराई।
इसके पहले नवम्बर 2018 में बांदा जिले में तैनात जिलाधिकारी से नाराज भाजपा के तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने खुले मंच से जिलाधिकारी को भ्रष्ट बताया और कहा, ‘वह बालू माफियाओं से 24 घंटे रिश्वत लेने में व्यस्त है। उनके पास जनता के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है। यह केवल एक मामला नहीं।
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इसी महीने नानपारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक माधुरी वर्मा के पति एवं पूर्व विधायक दिलीप वर्मा और उनके समर्थकों के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया। दिलीप वर्मा और उनके समर्थकों पर आरोप लगा कि उन्होंने दलित तहसीलदार के चेम्बर में घुसकर मारपीट की और उन्हें धमकाया। घटना के विरोध में तहसील कर्मियों ने तहसील गेट पर ताला लगाकर कामकाज बंद कर दिया है।
दो महीने पहले ही भाजपा के एक और विधायक सौरभ श्रीवास्तव पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गेटकीपर के साथ मारपीट का आरोप लग चुका है। इसे लेकर छात्रों ने कार्यवाही की मांग कर हंगामा भी किया। भाजपा विधायक पर आरोप लगा कि जब वह देर रात एक मांगलिक समारोह से लौट रहे विधायक ने समर्थकों संग बीएचयू के सीर गेट का ताला खोलने के लिए गेटकीपर पर दबाब बनाया। आरोप है कि इसके बावजूद गार्ड ने गेट नहीं खोला तो विधायक के साथियों ने गार्ड की पिटाई कर दी।
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एक अन्य घटना में इसी साल जनवरी महीने में बिजनौर जिले में धामपुर से भाजपा विधायक अशोक राणा और उनके गनर पर मारपीट करने का आरोप लगा। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता ने लगाया। कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि जब धामपुर विधानसभा के कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी। पीड़ित कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपना परिचय दिया तो वहां मौजूद भाजपा विधायक अशोक राणा भड़क गए और नाराज विधायक अशोक राणा और उनके गनर ने भरी मीटिंग में भाजपा कार्यकर्ता के साथ जमकर मारपीट की।
ये भी पीछे नहीं
यूपी और एमपी की घटनाओं से सबक लेकर ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के पुत्र नीतेश राणे ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्रांधिकरण के एक इंजीनियर पुल की रेलिग से बांधने का प्रयास करने के साथ ही उसे कीचड़ से नहला दिया। इसी तरह महाराष्टमें ही बीजेपी के एक विधायक बलराम थवानियां ने एनसीपी की महिला नेत्री नीतू तेजवानी को थप्पड़ मार दिया था।