शाह संभालेंगे पश्चिम बंगाल का मोर्चा, विधानसभा चुनाव से पहले BJP को मिला बड़ा मुद्दा
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बिहार की चुनावी जंग समाप्त होने के बाद भाजपा का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल पर ही होगा।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सत्ता को हासिल करना भाजपा का बड़ा मिशन रहा है और पार्टी अध्यक्ष रहते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने इस जंग को जीतने की पूरी व्यूह रचना की थी। शाह एक बार फिर पश्चिम बंगाल का मोर्चा संभालने जा रहे हैं।
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इस बीच पाकिस्तान की ओर से पुलवामा हमले में हाथ होने की बात स्वीकार किए जाने से भाजपा को आतंकवाद का एक बड़ा मुद्दा भी मिल गया है। पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष को घेरना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर भाजपा की ओर से पश्चिम बंगाल में भी सियासी तीर चलाए जाएंगे।
बिहार के बाद भाजपा का पूरा फोकस बंगाल पर
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बिहार की चुनावी जंग समाप्त होने के बाद भाजपा का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल पर ही होगा। भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल का चुनाव बहुत बड़ा मिशन है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा का अध्यक्ष रहते हुए इसकी पूरी व्यूह रचना की थी।
शाह एक बार फिर पश्चिम बंगाल का मोर्चा संभालने जा रहा हैं और वे 5 नवंबर से दो दिन के दौरे पर पश्चिम बंगाल में रहेंगे। वे पार्टी के बूथ प्रभारियों के अलावा कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक करेंगे और उनकी सभा का कार्यक्रम भी तय किया गया है।
नड्डा की जगह शाह जाएंगे पश्चिम बंगाल
पहले शाह की अस्वस्थता के चलते पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का पश्चिम बंगाल के दौरे का कार्यक्रम तय किया गया था मगर अब उसमें बदलाव करते हुए शाह पश्चिम बंगाल का मोर्चा संभालने जा रहे हैं।
इससे पहले नड्डा ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया था और सिलीगुड़ी में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की थी। पार्टी में हाल में किए गए संगठनात्मक बदलाव में पश्चिम बंगाल के नेताओं को भी महत्व दिया गया है। अब भाजपा बिहार चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है।
पाक की स्वीकारोक्ति से भाजपा हमलावर
इस बीच भाजपा को हाल में आतंकवाद का एक बड़ा मुद्दा भी मिल गया है। हाल में पाकिस्तान के एक मंत्री ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात स्वीकार की थी और इसे इमरान सरकार की बड़ी कामयाबी बताया था।
पुलवामा के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरा था और सबूत मांग कर इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। पाकिस्तान की इस स्वीकारोक्ति के बाद भाजपा इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है।
विपक्षी दलों को घेरने में जुटी भाजपा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा इसे लेकर विपक्षी दलों को घेरने में जुट गए हैं। इस मुद्दे को पूरे देश में जोर-शोर से उठाने की तैयारी है।
केंद्रीय नेतृत्व के अलावा राज्य की पार्टी इकाइयां भी इस मुद्दे को लेकर विरोधी दलों को घेरने की कोशिश करेंगी।
राष्ट्रवाद के मुद्दे को मिलेगी और धार
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में काफी कम समय रह गया है और ऐसे समय में भाजपा इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी, कांग्रेस और वाम दलों को घेरने की तैयारी में जुट गई है।
भाजपा पहले भी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जोर देती रही है और अब उसके इस मुद्दे को और धार मिलने की संभावना जताई जा रही है। सामाजिक समीकरणों को साधने में भी पार्टी के लिए यह मुद्दा असरदार साबित हो सकता है।
बिहार के नतीजों का पड़ेगा असर
वैसे मौजूदा समय में भाजपा ने बिहार में पूरी ताकत झोंक रखी है क्योंकि पार्टी को पता है कि बिहार चुनाव के नतीजों का सीधा असर पश्चिम बंगाल और असम में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा।
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तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिहार चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रही हैं। यदि बिहार चुनाव में एनडीए को फिर कामयाबी मिली तो भाजपा की ओर से पश्चिम बंगाल में और आक्रामक ढंग से प्रचार किए जाने की संभावना जताई जा रही है मगर यदि महागठबंधन विजयी होने में कामयाब रहा तो निश्चित रूप से ममता बनर्जी भाजपा पर और हमलावर हो जाएंगी।
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