रो देंगे मोदी! अरुण जेटली के इस पल को जब भी करेंगे याद
बीजेपी में अगर किसी की बात चली तो वो सिर्फ पीएम मोदी और अमित शाह थे। इनके अलावा अगर पार्टी में किसी नेता की बात सुनी गयी तो वो अरुण जेटली थे। जेटली के बाद राजनाथ सिंह का नाम आता था। जेटली ने पीएम मोदी के लिए काफी कुछ किया।
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर एम्स में अंतिम सांस ली। बीजेपी को अगस्त के महीने में यह दूसरी बार झटका लगा है। बता दें, इसी महीने की 6 तारीख को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया था। इसके बाद आज जेटली का भी निधन हो गया। तमाम दिग्गज नेता जेटली के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने इसे निजी क्षति बताया है।
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पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर में काफी अहम भूमिका निभाई है। पीएम मोदी इस वक़्त विदेश दौरे पर हैं लेकिन वह जेटली के निधन से काफी दुखी हैं। पीएम मोदी ने जेटली के निधन को लेकर लगातार पांच ट्वीट किए हैं।
मोदी’ को ‘प्रधानमंत्री’ बनाने में अरुण जेटली का हाथ
बता दें, पीएम मोदी के जेटली और स्वराज के साथ काफी अच्छे संबंध थे। जेटली और सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार-1 में केंदीय मंत्री थे। कहा जाता है पीएम मोदी को बनाने वाले अरुण जेटली ही थे। आज जिस मुकाम पर पीएम मोदी हैं, उसमें कहीं न कहीं जेटली का भी हाथ है। ‘मोदी’ को ‘प्रधानमंत्री’ बनाने में अरुण जेटली ने लीड भूमिका निभाई थी।
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मोदी की काबिलयत जानते थे जटेली
वह जटेली ही थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित करने के लिए राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को राजी करने में रात दिन एक कर दिये थे। यही नहीं, मोदी को नेता बनाने में भी इनका हाथ रहा। जब बीजेपी में लाल कृष्ण आडवाणी का दबदबा था, तब जेटली ही थे, जो पीएम मोदी की काबिलयत को पहचाना और उन्हे आगे करने की ठानी। जेटली ने ऐसा कर भी दिखाया।
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सुब्रह्मण्यन स्वामी को किनारे कर जेटली को दिया था वित्त मंत्रालय
बीजेपी में अगर किसी की बात चली तो वो सिर्फ पीएम मोदी और अमित शाह थे। इनके अलावा अगर पार्टी में किसी नेता की बात सुनी गयी तो वो अरुण जेटली थे। जेटली के बाद राजनाथ सिंह का नाम आता था। जेटली ने पीएम के लिए काफी कुछ किया। यही वजह थी कि जब मोदी पीएम पद पर आए तो उन्होंने सुब्रह्मण्यन स्वामी जैसे वित्त मंत्रालय के बड़े दावेदार को किनारे कर जेटली को इस मंत्रालय का भार सौंपा।