बिहार चुनाव: नतीजों से पहले इस बात से डरी कांग्रेस, दिग्गज नेताओं को भेजा पटना
हाईकमान के फरमान पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, दक्षिण बिहार के प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर, पंजाब के विधायक गुरुकीरत सिंह, राजस्थान सरकार के मंत्री रघु शर्मा, झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य काजी निजामुद्दीन आदि बिहार पहुंच गए हैं।
अंशुमान तिवारी
पटना: मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस में हुई टूट के बाद कांग्रेस बिहार को लेकर काफी सतर्क हो गई है। विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से पहले ही पार्टी ने विधायकों में सेंधमारी की आशंका को देखते हुए पार्टी के विश्वस्त नेताओं को विधायकों की पहरेदारी की कमान सौंप दी है।
पटना भेजे गए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेसी विधायकों को एकजुट रखने के साथ ही भावी सरकार की रूपरेखा को लेकर सहयोगियों से बात करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। जानकारों का कहना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान व गुजरात सहित कई राज्यों में चुनाव के बाद कांग्रेसी विधायकों में हुई सेंधमारी की कोशिशों से सबक लेते हुए पार्टी के नेता राहुल गांधी की ओर से यह कदम उठाया गया है।
राजद-कांग्रेस दोनों को बहुमत चोरी होने का डर
सात नवंबर को तीसरे और आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के बाद आए अधिकांश एग्जिट पोल में महागठबंधन को इस बार बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है। एग्जिट पोल के नतीजों से महागठबंधन के प्रमुख सियासी दल राजद और कांग्रेस में खुशी की लहर तो है मगर इसके साथ ही दोनों दलों को बहुमत चोरी होने का डर भी सता रहा है। इससे बचने के लिए दोनों दलों की ओर से कोशिशें शुरू कर दी गई हैं।
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सुरजेवाला समेत कई दिग्गज पटना पहुंचे
हाईकमान के फरमान पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, दक्षिण बिहार के प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर, पंजाब के विधायक गुरुकीरत सिंह, राजस्थान सरकार के मंत्री रघु शर्मा, झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य काजी निजामुद्दीन आदि बिहार पहुंच गए हैं। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे और उत्तर बिहार के प्रभारी अजय कपूर सहित कई अन्य नेताओं के भी जल्द ही बिहार पहुंचने की उम्मीद है।
इन सभी नेताओं को विधायकों की पहरेदारी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस को इस बात का शक है कि कांटे का मुकाबला होने के कारण एनडीए की ओर से विधायकों में तोड़फोड़ की कोशिश की जा सकती है। पार्टी में किसी भी सेंधमारी को रोकने के लिए पार्टी अभी से ही सतर्क हो गई है।
नई सरकार के गठन पर भी होगी बातचीत
पटना पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को घटक दलों के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। साथ ही नेताओं से यह भी कहा गया है कि पार्टी के विजयी उम्मीदवारों को एकजुट बनाए रखें। कांग्रेस से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि पार्टी को आशंका है कि महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आने के बाद सेंधमारी का खतरा बढ़ जाएगा और यही कारण है कि पार्टी अभी से ही सावधानी में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती।
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150 से अधिक सीटें मिलने का दावा
पटना पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने बिहार में इस बार महागठबंधन की सरकार बनने का दावा किया। उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि महागठबंधन को इस बार 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। हम सभी को बिहार के चुनाव नतीजों का बेसब्री से इंतजार है। सुरजेवाला ने कहा कि राजद, कांग्रेस और वामदलों के महागठबंधन ने इस बार सत्ता के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि जनता ने बिहार में बदलाव के लिए मतदान किया है मगर असली नतीजे तो मतगणना के बाद ही सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं में निराशा दिख रही है और यही कारण है कि वे बिहार में बदलाव चाहते हैं।
राजद ने भी उम्मीदवारों को किया सतर्क
दूसरी और राजद के कोषाध्यक्ष और एमएलसी सुनील सिंह ने भी पार्टी के सभी उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को सतर्क किया है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के मद्देनजर सरकार के कुछ भ्रष्ट अधिकारी स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम में फेरबदल की कोशिश कर सकते हैं।
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मतगणना में कोई भी खेल न होने दें
उन्होंने कहा कि बिहार में पहले भी बहुत गजब खेल होते रहे हैं और यहां तो चूहा भी बड़ा खतरनाक साबित होता है जिसके ऊपर तक बांधों को तोड़ने से लेकर थाने में रखी शराब पीने तक का आरोप लग चुका है। इसलिए पार्टी उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना होगा और स्ट्रांग रूम में आदमी तो छोड़िए चूहों को भी नहीं घुसने देना है। पार्टी उम्मीदवार और कार्यकर्ता सतर्क नहीं रहे तो एनडीए के लोग मतगणना के दौरान भी कोई बड़ा खेल कर सकते हैं।
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