बिहार में इसलिए भड़के सुशासन बाबू, बिगड़ती कानून व्यवस्था पर जवाब देना मुश्किल

सच्चाई तो यह है कि सुशासन बाबू के नाम से जाने जाने वाले नीतीश कुमार अपने मौजूदा कार्यकाल में सियासी मजबूरियों के साथ ही कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी लगातार घिरते जा रहे हैं। अपराध की बढ़ती घटनाओं के कारण उनके लिए सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया है।

Update: 2021-01-16 04:30 GMT
बिहार में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। राजद की ओर से लगातार उन्हें अक्षम मुख्यमंत्री बताया जा रहा है।

अंशुमान तिवारी

पटना: बिहार में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। राजद की ओर से लगातार उन्हें अक्षम मुख्यमंत्री बताया जा रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि नीतीश कुमार थक चुके हैं और उनसे बिहार नहीं संभाल रहा है। हाल में इंडिगो के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के बाद विपक्ष का हमला और तेज हो गया है। यही कारण है कि शनिवार को मीडिया की ओर से इस बाबत सवाल पूछे जाने पर नीतीश कुमार भड़क गए।

सच्चाई तो यह है कि सुशासन बाबू के नाम से जाने जाने वाले नीतीश कुमार अपने मौजूदा कार्यकाल में सियासी मजबूरियों के साथ ही कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी लगातार घिरते जा रहे हैं। अपराध की बढ़ती घटनाओं के कारण उनके लिए सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया है।

सवालों में घिरे तो दिलाई लालू-राबड़ी की याद

पटना में शनिवार को छह किलोमीटर लंबी सिक्स लेन सड़क का उद्घाटन करने पहुंचे नीतीश कुमार से पत्रकारों ने रूपेश सिंह की हत्या को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी। इस पर पत्रकारों के सवालों में घिरे नीतीश अपनी सरकार के कामकाज को लेकर बड़े-बड़े दावे करने लगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में अपराधी कोई भी हो मगर वह बच नहीं सकता। नाराजगी में मुख्यमंत्री पत्रकारों को पति-पत्नी (लालू-राबड़ी) के शासनकाल की याद दिलाने लगे और कहा कि पुलिस की कार्यशैली को लेकर इस तरह के सवाल न उठाइए। उन्होंने यह भी कहा कि रूपेश हत्याकांड के मामले में जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

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डीजीपी के फोन न उठाने की शिकायत

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति के संबंध में उन्होंने खुद बीजेपी से बात की है और पुलिस रूपेश हत्याकांड के अपराधियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों से कोई भी जानकारी होने पर पुलिस के साथ उसे शेयर करने की अपील की। इस पर एक पत्रकार ने डीजीपी के फोन न उठाने की शिकायत दर्ज कराई। इतना सुनते ही मुख्यमंत्री ने डीजीपी एसके सिंघल को कॉल कर दिया और उनसे कहा कि आप फोन तो उठाया करिए।

सीएम की नाराजगी का यह हुआ असर

नाराज नीतीश कुमार ने पत्रकार से यह सवाल तक कर डाला कि आप किसके समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी को पता है कि पहले किस तरह से अपराध हुआ करते थे मगर हमारे राज में अपराधियों को पकड़कर सजा दिलाने का काम हो रहा है। मुख्यमंत्री की नाराजगी का ऐसा असर हुआ कि डीजीपी एसके सिंघल का जल्द ही नंबर जारी कर दिया गया। इस घटनाक्रम के कुछ ही घंटों के भीतर सूचना और जनसंपर्क विभाग की ओर से नोटिफिकेशन निकालकर डीजीपी का नंबर जारी किया गया। विभाग की फेसबुक पोस्ट के जरिए दी गई जानकारी के मुताबिक जारी किए गए नंबर पर मीडिया कर्मी डीजीपी बिहार से जरूरी बातचीत कर सकते हैं।

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तेजस्वी ने फिर कसा सीएम पर तंज

नीतीश कुमार के गर्म होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि नीतीश कुमार पूरी तरह थक चुके हैं और अब उनमें बिहार को संभालने का दम नहीं दिख रहा है। बिहार के विभिन्न हिस्सों में लगातार अपराध की घटनाएं हो रही हैं मगर अपराधों पर रोकथाम लगाने में पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते ही अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हमेशा राजद को कोसने वाले नीतीश कुमार को अपने राज का कानून व्यवस्था का हाल देखना चाहिए। कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

सीएम को लेनी होगी जिम्मेदारी

तेजस्वी यादव के बाद रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार के गुस्से को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि गुस्सा करने से कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार होता हो तो नीतीश जी खूब गुस्सा करें। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के गुस्साने मात्र से ही अपराध रुक जाते हैं तो उन्हें गुस्सा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते अपराधों के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर रहे। इस जिम्मेदारी से वे किसी भी सूरत में नहीं भाग सकते।

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अफसरों पर शिकंजा कसें सीएम

रालोसपा नेता ने कहा कि यदि अफसर अपराधों की रोकथाम में नाकाम साबित हो रहे हैं तो मुख्यमंत्री को ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तो करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस महकमे के लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लालू राबड़ी राज से नीतीश सरकार की तुलना किए जाने के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है। सबसे ज्यादा जरूरत इस बात की है कि कानून व्यवस्था को कैसे दुरुस्त किया जाए।

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