सितम्बर में भाजपा क्यों हो जाएगी और ताकतवर? यहां जानें

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है राज्यसभा उपचुनाव की अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी।

Update: 2019-08-29 14:07 GMT

लखनऊ: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है राज्यसभा उपचुनाव की अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी।

नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 12 सितंबर है। नाम वापसी की तिथि 16 सितम्बर रखी गयी है। जबकि मतदान और चुनाव परिणाम 23 को होगा।

यह दोनों सीटें समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और संजय सेठ के इस्तीफे के बाद खाली हुई हैं। पार्टी से इस्तीफे के बाद अब दोनों ही नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं।

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भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा इन दोनों सीटों पर सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ को ही अपना प्रत्याशी बनाएगी। क्योंकि भाजपा की रणनीति राज्यसभा में अपना बहुमत को और बढ़ाना है।

उल्लेखनीय है कि 245 सदस्यीय उच्च सदन में हाल ही में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के इस्तीफे के कारण आठ सीटें रिक्त हैं। भाजपा को रिक्त सीटों के लिए जल्द होने वाले उपचुनाव में भी पांच सीट जीतने का भरोसा है।

इनमें उत्तर प्रदेश से सपा के तीन सदस्यों (नीरज शेखर, सुरेंद्र नागर और संजय सेठ) के इस्तीफे के बाद नीरज शेखर को भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था जिसे वह जीतकर फिर से राज्यसभा सदस्य चुने जा चुके हैं।

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राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 78 है

पूर्व में वह सपा के सदस्य थें पर उपचुनाव के बाद अब वह भाजपा कोटे से सांसद बन चुके हैं। राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या फिलहाल 78 है। सदन में बहुमत के लिए उसे 223 सदस्यों की जरूरत है।

भाजपा की रणनीति अपने सदस्यों के बढाने की है। क्योंकि उसे किसी विधेयक को पास कराने में काफी दिक्कतों को सामना करना पडता है।

गत मानसून सत्र में तीन तलाक और जम्मू कश्मीर से जुड़े अहम विधेयकों पर सत्तापक्ष को बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के प्रत्यक्ष समर्थन के अलावा सहयोगी दल जनता दल यू (जदयू), अन्नाद्रमुक तथा विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों की मतदान में अनुपस्थिति का लाभ मिला था। अगले साल नवम्बर में यूपी से 10 सीटे खाली होनी हैं।

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