तंबाकू के खिलाफ प्रदेशभर में चलेगा अभियान, चिकित्सक करेंगे सहयोग   

इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस) के चिकित्सकों के सहयोग से नशा मुक्ति आन्दोलन प्रदेशभर में तंबाकू के खिलाफ अभियान चलायेगी। 

Update: 2019-05-31 16:12 GMT

लखनऊ: इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस) के चिकित्सकों के सहयोग से नशा मुक्ति आन्दोलन प्रदेशभर में तंबाकू के खिलाफ अभियान चलायेगी।

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आईएमए लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डा. जी.पी.सिंह ने शनिवार को आईएमए भवन में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया और चिकित्सकों के सहयोग से इस अभियान को निश्चित ही गति मिलेगी और तम्बाकू मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने में हम सभी लोग कामयाब होंगे। उन्होंने तंबाकू के सेवन से शरीर का हर अंग प्रभावित होता है।

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सार्वजनिक स्थलों पर इसके लिए अलग से केविन बना देना चाहिए क्योंकि जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो 30 प्रतिशत धुवा पीने वाले के फेफड़े में जाता है तथा शेष 70 प्रतिशत धूम्रपान के रूप में अन्य लोगों के फेफड़ों में जाता है।

नशा छुड़ाने में मद्दगार मोटीवेशन थेरेपी डा. अलीम सिद्दीकी

आईएमए से जुड़े डा. अलीम सिद्दीकी ने कहा कि मोटीवेशन थेरेपी द्वारा नशा छुड़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू की लत काउंसलिंग और दवा की मदद से छोड़ी जा सकती है। डा.अलीम सिद्दीकी ने बताया कि तंबाकू व शराब से नुकसान को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तंबाकू व तंबाकू से बने उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर उसे समाज कल्याण के कार्य में लगाना चाहिए।

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सिगरेट का एक कश पांच मिनट जिंदगी कम कर रहा-

प्रेसवार्ता में नशा मुक्ति आन्दोलन के डा. अनुरूद्ध वर्मा ने कहा कि सिगरेट का एक कश पांच मिनट जिंदगी का कम कर रहा है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू एवं धूम्रपान मीठा जहर है जो शरीर के सभी अंगों को खोखला कर मौत के मुंह में ढ़केल देता है। उन्होंने कहा कि देश में 2500 लोग प्रतिदिन तम्बाकू से होने वाली गंभीर बीमारियों के कारण असमय काल के गाल में समा जाते हैं।

गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है धूम्रपान का असर-

भाऊराव देवरस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीश शुक्ला ने बताया कि तम्बाकू व धूम्रपान सेवन करने के कारण उसका दुष्प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं भी धूम्रपान कर रही है जो उनके व उनके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालती हैं।

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यह भी जानें-

-भारत में 80 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं।

-तम्बाकू व इससे बने उत्पादों से 40 प्रकार के कैंसर होते हैं।

-25 प्रकार की बीमारियां होती हैं।

-95 प्रतिशत मुंह के कैंसर होता है।

-भारत में 184 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं।

-प्रतिदिन 22 सौ लोगों की मौत होती है।

-गुर्दे और पेशाब की थैली तथा किडनी का कैंसर होता है।

 

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