सीएम बनने के पहले ही उद्धव ठाकरे की बढ़ी मुश्किलें, यहां जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उद्धव के खिलाफ वाराणसी कोर्ट में एक परिवाद दाखिल किया गया है।

Update: 2019-11-28 10:33 GMT

वाराणसी: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उद्धव के खिलाफ वाराणसी कोर्ट में एक परिवाद दाखिल किया गया है।

इसमें आरोप लगाया गया है कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर हिन्दू जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने एसीजीएम-6 नेहा रूंगटा की कोर्ट में उद्धव ठाकरे के खिलाफ धारा 417, 416, 120 B के तहत परिवाद दाखिल किया। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।

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हिंदुओं को बरगलाने का आरोप

कमलेश चंद्र त्रिपाठी का आरोप है कि उद्धव ठाकरे हिन्दुओ को बरगलाकर और उन्हें छल कर वोट लिया और फिर भगवा आतंकवाद कहने वालों के साथ मिल कर सरकार बना ली, जिससे हिन्दुओं की भावना आहत हुई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में 3 साल की सजा का प्रावधान है।

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एनसीपी और कांग्रेस की मदद से सरकार

शिवसेना ने बीजेपी के साथ विधानसभा में चुनाव लड़ा था। इसके बाद ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच दूरियां बढ़ गई। शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी से मदद का हाथ बढ़ाया तो दूसरी ओर बीजेपी ने एनसीपी के अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना लिया। देवेंद्र फडणवीस सीएम और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली , लेकिन फ्लोर टेस्ट के पहले ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया।

शपथ समारोह के खिलाफ याचिका ख़ारिज

महाविकास अघाड़ी के नेता और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के शपथ समारोह के खिलाफ याचिका पर फौरी सुनवाई से बॉम्बे हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है।

कार्यक्रम शाम साढ़े छह बजे के आस-पास शुरू होगा, जबकि इस दौरान वे विधायक पद और गोपनीयता की शपथ नहीं लेंगे, जो पहले सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे भी शामिल होंगे।

इससे पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शपथग्रहण समारोह से पहले एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें तीनों दलों की तरफ से न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया जाएगा।

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