कांग्रेस में घमासान: राहुल के आरोपों से बड़े नेता नाराज, मनाने में जुटीं सोनिया

इधर कुछ दिनों से  कांग्रेस के अंदर घमासान चल रहा है अब कार्य समिति की बैठक में भी गांधी परिवार और सीनियर नेताओं की नाराजगी साफ दिखने लगी है। राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी  को चिट्ठी लिखने वाले सीनियर नेताओं पर निशाना साधा था।

Update:2020-08-26 10:33 IST
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक महिला को बंधक बनाकर पहले उसके साथ गैंगरेप किया गया।

नई दिल्ली: इधर कुछ दिनों से कांग्रेस के अंदर घमासान चल रहा है अब कार्य समिति की बैठक में भी गांधी परिवार और सीनियर नेताओं की नाराजगी साफ दिखने लगी है। राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले सीनियर नेताओं पर निशाना साधा था। राहुल ने आरोप लगाये कि यह सब बीजेपी के इशारे पर है। गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई।

मां-बेटे ने मनाने में लगे आजाद को

दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद को मनाने के लिए खुद सोनिया गांधी को आगे आना पड़ा है। खबर है कि सोनिया गांधी ने आजाद से काफी देर तक फोन पर बात की। इघर राहुल भी गुलाम नबी आजाद से शिकवे दूर करने में लग गए हैं। खबरों के अनुसार, राहुल ने भी आजाद को मनाने के लिए फोन पर कुछ देर बात की।

सोनिया गांधी ने सोमवार शाम को गुलाम नबी आजाद से फोन कर बात की,लेकिन यह पता नहीं चला कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई। गांधी परिवार किसी भी कीमत पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को नाराज नहीं करना चाहता है।

 

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गुलाम नबी आजाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता के साथ संसद में कांग्रेस की दमदार आवाज भी हैं। एक महीने के अंदर ही संसद का मानसून सत्र शुरू होगा। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहती कि पार्टी की एकजुटता टूटे या संसद में उनकी आवाज कमजोर पड़े।

 

पत्र विवाद का मामला

बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से एक दिन पहले बीते रविवार को पार्टी में सियासी तूफान आ गया, जब पूर्णकालिक व जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखने की बात सामने आई। इस चिट्ठी में 23 वरिष्ठ नेताओं के साइन थे।

23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इनमें गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल , पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं।

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ऐसा लेटर क्यों-राहुल गांधी

इस पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाये कि यह सब बीजेपी की साठ-गांठ है। राहुल ने कहा कि जब पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं, तो उस समय ऐसा लेटर क्यों लिखा गया?

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इस बयान पर कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई। कहा कि अगर आरोप सही साबित हुआ कि बीजेपी से साठ-गांठ है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।उधर, कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर नाराजगी जताई। कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ साठ-गांठ है। पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया। फिर भी हम पर बीजेपी से साठ-गांठ का आरोप लग रहा।

इस विवाद के बाद कांग्रेस चाहती है कि ये मामला जल्द से जल्द सुलझ जाए और मतभेद दूर करके अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।

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