लोकसभा चुनाव में भाजपा के कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हाशिये पर

लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा की यूपी इकाई के कई दिग्गज चुनाव मैदान में है तो कई ऐसे भी है जो यूपी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे है लेकिन अब पार्टी इन्हे पूछ भी नहीं रही है और यह हाशिये पर है।

Update:2019-05-09 16:13 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा की यूपी इकाई के कई दिग्गज चुनाव मैदान में है तो कई ऐसे भी है जो यूपी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे है लेकिन अब पार्टी इन्हे पूछ भी नहीं रही है और यह हाशिये पर है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों में देखे तो केवल रमापति राम त्रिपाठी और राजनाथ सिंह ही चुनाव लड़ रहे है तो मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय भी चुनाव मैदान में है।

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ओम प्रकाश सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा सरकार में सिचाई मंत्री भी रह चुके हैं। मिर्जापुर जिले में कभी पिछड़े वर्ग में पटेलों के नेता माने जाने वाले भाजपा के दिग्गज नेता ओम प्रकाश सिंह का कब्जा रहा था। भाजपा में पिछड़ों के चेहरा रहे ओम प्रकाश सिंह 2012 के विधान सभा चुनाव में सपा के जगदम्बा पटेल के हाथों हार गये थे। इसके बाद पार्टी ने अपना दल से गठबंधन होने के कारण उनकी मिर्जापुर सीट अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मिल गयी। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह चुनार से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हे प्रत्याशी नहीं बनाया। मौजूदा लोकसभा चुनाव में वह चुनावी परिदृश्य से गायब है।

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भाजपा में बजरंगी के नाम से पहचान रखने वाले भगवा ब्रिगेड के फायरब्राण्ड नेता विनय कटियार भी उत्तर प्रदेश में वर्ष 2002 से 2004 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे तो वर्ष 2006 में वह पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रह चुके है। पार्टी ने उन्हे वर्ष 2012 में राज्यसभा से सांसद बनाया। वर्ष 2018 में राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होने पर मौजूदा लोकसभा चुनाव में अम्बेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र से उनको टिकट दिये जाने की चर्चा तो हुई लेकिन पार्टी ने उन्हे टिकट नहीं दिया।

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भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्षों में लक्ष्मीकांत बाजपेयी को कार्यकर्ताओं का प्रदेश अध्यक्ष कहा जाता था। अपनी ईमानदार छवि और बेबाक व जुझारू शैली की राजनीति के लिए मशहूर बाजपेयी वर्ष 2012 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने। उनके कार्यकाल में हुये लोकसभा 2014 के चुनाव में पार्टी यूपी की 80 लोकसभा सीटो में से 71 पर जीती थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हे हार का सामना करना पड़ा । इसके बाद तमाम मौकों पर यह कयास लगाये जाते रहे कि पार्टी अपने इस जुझारू नेता को कही न कही मौका देगी लेकिन मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हे टिकट से दूर रखा।

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इसी तरह यूपी भाजपा के कई बार प्रदेश अध्यक्ष रहे कलराज मिश्र को पार्टी ने उम्र का हवाला देकर टिकट से वंचित कर दिया। प्रदेश में पार्टी का ब्राहम्ण चेहरा समझे जाने वाले कलराज मिश्र भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वह देवरिया सीट से चुनाव लड़े और जीत कर संसद पहुंचे। मोदी सरकार में वह मंत्री भी बने।

 

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