गुपकार की बैठक में फारूक बोले- हम केवल भाजपा के विरोधी हैं, राष्ट्र के नहीं
गुपकार समूह छह राजनीतिक दलों का वह समूह है जो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ रहा है। इस समूह का गठन 22 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई बैठक में किया गया था।
जम्मू: इस वक्त की बड़ी खबर जम्मू कश्मीर से आ रही है। यहां आज जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) की बैठक बुलाई गई है। जिसमें कश्मीर के कई बड़े नेता शामिल हुए है। जिसमें पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला भी है।
बैठक दौरान के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम भाजपा के विरोधी हैं और इसका मतलब ये नहीं है कि राष्ट्र विरोधी हैं।
बीजेपी ने देश और संविधान को नुकसान पहुंचाया है। हम लोग ये चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों का अधिकार उन्हें फिर से वापस किया जाए। जो लोग प्रचार कर रहे हैं कि गुपकार राष्ट्र विरोधी है, वो गलत हैं।
उन्होंने कहा कि हमें धर्म पर विभाजित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं उनके प्रयास विफल हो जाएंगे। जब हम 370 को बहाल करने की बात करते हैं तो हम जम्मू और लद्दाख में क्षेत्र की क्षेत्रीय स्वायत्तता की भी बात करते हैं।
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फारूक अब्दुल्ला हमारे अध्यक्ष होंगे : सज्जाद लोन
वहीं, सज्जाद लोन ने कहा कि दो हफ्ते में हम अपनी अगली बैठक जम्मू में करेंगे और उसके बाद हमारा सम्मेलन होगा।राज्य का हमारा सबसे पहला झंडा हमारे गठबंधन का प्रतीक होगा।
हमने आज के अलहदा ढांचे पर फैसला किया है। फारूक अब्दुल्ला हमारे अध्यक्ष होंगे। हम जल्द ही वास्तविकता पर एक श्वेत पत्र के साथ आएंगे। हम एक शोध दस्तावेज देंगे कि हमारे पास क्या था और वे क्या ले गए हैं।
आखिर क्या है गुपकार समूह
बताते चलें कि गुपकार समूह छह राजनीतिक दलों का वह समूह है जो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
इस समूह का गठन 22 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई बैठक में किया गया था। गुपकार समूह ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बहाली के लिए संघर्ष करने का ऐलान किया था।
गुपकार समूह में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन के साथ ही जम्मू कश्मीर के उन सभी राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं जिन्होंने 4 अगस्त को साझा बयान जारी किया था।
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रिहा होते ही सताने लगाने अस्तित्व खोने का डर
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू होने के बाद से पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती समेत कई अन्य कश्मीरी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। बाद में एक-एक करके इन तमाम नेताओं की रिहाई कर दी गई।
ये तीनों ही नेता इस वक्त रिहा हो चुके हैं। रिहा होते ही इन्हें अपने अस्तित्व पर खतरा मंडराते हुए नजर आने लगा। इसलिए आनन-फानन में एक बार फिर से फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में उनके गुपकार रोड स्थित आवास पर तमाम बड़े कश्मीरी नेताओं की बैठक बुलाई गई और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई। फारूक के साथ उनके बेटे उमर और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती भी इस बैठक में शामिल हुई थी।
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