बिहार में चुनाव से पहले राजद-जदयू में पोस्टर वार
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव भले ही चुनाव न लडऩे वाले हों मगर चुनावी जंग के केन्द्र में लालू व जदयू सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही दिख रहे हैं।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव भले ही चुनाव न लडऩे वाले हों मगर चुनावी जंग के केन्द्र में लालू व जदयू सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही दिख रहे हैं। दोनों की जुबानी जंग के साथ ही इन दिनों पोस्टर वार छिड़ गया है। स्थिति यह है कि राजधानी पटना की सडक़ों पर आरजेडी व जेडीयू के एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए पोस्टर छा गए हैं। इसके साथ ही ट्विटर के अखाड़े में भी राजद व जदयू नेताओं के बीच जंग छिड़ गई है।
नीतीश को बताया लालची
राजद की ओर से जारी नवीनतम पोस्टर में लालू प्रसाद यादव को जनता का सारथी तो नीतीश कुमार को कुर्सी का लालची बताया गया है। पोस्टर में बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर भी तंज कसा गया है। राजद ऑफिस के पास इस तरह के आठ पोस्टर लगाए गए हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि सभी पोस्टरों में अलग-अलग स्लोगन के साथ लालू बनाम नीतीश को दिखाया गया है। राजद की ओर से भले ही नेता के रूप में तेजस्वी यादव का चेहरा सबके सामने हो मगर राजद के पोस्टरों में जंग लालू बनाम नीतीश की दिखाई गई है। राजद को लगता है कि लालू के नाम पर ही राजद को जदयू के खिलाफ खड़ा किया जा सकता है।
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जदयू की ओर से हुई शुरुआत
बिहार की सियासत में नया साल पोस्टर वार लेकर आया है। इसकी शुरुआत जदयू की ओर से दो जनवरी को जारी पोस्टर से की गई। इस पोस्टर में आरजेडी के 15 साल की तुलना राजग के 15 साल के शासन से करते हुए हिसाब लेने व देने की बात कही गई। जवाब में राजद कहां चुप बैठने वाला था। राजद ने जवाबी पोस्टर जारी करते हुए नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बिहार में सुशासन की खराब स्थिति का हवाला दिया। इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के सिर पर दो टोकरियां थीं।
पोस्टर के नीचे लिखा गया है-झूठ की टोकरी, घोटालों का धंधा। जदयू के इस पोस्टर के जवाब में जदयू ने भाषाई गलतियों की ओर ध्यान दिलाया। साथ ही लिखा कि जिन्हें शाब्दिक ज्ञान नहीं, वे राजनीतिक ज्ञान दे रहे हैं। साथ ही पोस्टर में आरजेडी के 15 साल बनाम अपने 15 साल के शासन की तुलना करते हुए लिखा कि कराहता बिहार-संवरता बिहार। पोस्टर में लालू के राज को कराहता बिहार व नीतीश के राज को संवरता बिहार बताया गया है।
कांग्रेस भी पोस्टर वार में कूदी
राजद व जदयू के बाद पोस्टर वार में अब कांग्रेस भी कूद गई है। कांग्रेस ने 2020 को चुनाव का 20-20 का साल बताते हुए कांग्रेस के पोस्टर में महागठबंधन व एनडीए के बड़े नेताओं को क्रिकेटर के रूप में दो तरफ खड़े दिखाया गया है। पोस्टर में नीतीश कुमार पर जबर्दस्त तंज कसा गया है। पोस्टर में कहा गया है कि मिट्टी में मिल जाएंगे, भाजपा में ना जाएंगे की बात कहने वाले मिट्टी और भूत की कहानी सुनाकर बिहार की जनता को खुद के वादों से ना भटकाएं। पोस्टर में नीतीश कुमार के वादों को खोखला भी बताया गया है।
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ट्विटर पर भी राजद-जदयू में जंग
विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही ट्विटर पर भी राजद और जदयू में जंग छिड़ गई है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने का आह्वान किया है। इस ट्वीट में नीतीश कुमार को गिरगिटिया यानी रंग बदलने वाला लिखा गया है। साथ ही उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को खिट्टपिट्टिया (झगड़ालू) बताते हुए नीतीश राज को घटिया करार दिया गया है। लालू प्रसाद यादव ने एक ट्वीट में जेडीयू के पोस्टर पर भी तंज कसा।
लिखा कि नीति आयोग ने नीतीश के शासन को पूरे देश में फिसड्डी साबित करते हुए जीरो बटा अंडा दिया है। नीतीश कुमार को अपने 15 साल का हिसाब केंद्र सरकार से भी पूछना चाहिए, केवल पोस्टर में फडफ़ड़ाने से कुछ नहीं होने वाला। उन्होंने नीतीश को सलाह दी कि जब पंख नहीं है तो नीतीश उडऩे की जिद छोड़ दें वरना गिरकर घायल हो जाएंगे। लालू प्रसाद यादव ने एक अन्य ट्वीट में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नया नारा दिया है- दो हजार बीस, हटाओ नीतीश।
राबड़ी ने भी बोला नीतीश पर हमला
पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने भी ट्वीट कर नीतीश कुमार पर हमला किया है। उन्होंने नीतीश को नफरत फैलाने वाला बताया है। राबड़ी ने कहा कि वो अलग करते हैं, हम साथ लाते हैं। ट्वीट में लालू व नीतीश राज की तुलना करते हुए कहा गया है कि लालू राज में एकता, अखंडता का मंत्र था तो नीतीश राज में स्वार्थ, छल व षडयंत्र हैं। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण कांड को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बलात्कारियों को बचाना चाहते हैं, क्योंकि मूंछ-तोंद वाले व अन्य आरोपित उनके साथ कैबिनेट में बैठे हैं।
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