मुख्तार को यूपी को सौंपने से इनकार, पंजाब सरकार का SC में हलफनामा
प्रदेश की भाजपा विधायक और स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पर मुख्तार अंसारी को बचाने का आरोप भी लगाया था।;
लखनऊ: विधायक व माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाने की सरकार की कोशिशें फिलहाल कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। पंजाब सरकार ने मुख्तार को फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार की याचिका पर पंजाब सरकार की ओर से इस बाबत हलफनामा दायर किया गया है। इस हलफनामे में मुख्तार को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार की हिरासत में भेजने से इनकार किया गया है।
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प्रदेश की भाजपा विधायक और स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पर मुख्तार अंसारी को बचाने का आरोप भी लगाया था। हालांकि प्रियंका गांधी ने इस पत्र पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है।
कई बार खाली हाथ लौट चुकी है पुलिस
उत्तर प्रदेश पुलिस कई गंभीर आपराधिक मुकदमों के लिए मुख्तार अंसारी को हिरासत में लेना चाहती है मगर पंजाब सरकार के रवैये से प्रदेश पुलिस को अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। यूपी पुलिस इस सिलसिले में कई बार पंजाब जा चुकी है मगर हर बार उसे खाली हाथ लौटना पड़ा है।
मुख्तार अंसारी 2019 की शुरुआत से पंजाब की जेल में है। इस बाबत उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि मुख्तार की गैरमौजूदगी के कारण उससे जुड़े मुकदमों की प्रदेश में सुनवाई पर असर पड़ रहा है।
मुख्तार को कई बीमारियों से पीड़ित बताया
यूपी सरकार की याचिका पर पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। इस हलफनामे में मुख्तार अंसारी को स्वास्थ्य कारणों से यूपी सरकार की हिरासत में देने से इनकार किया गया है। पंजाब सरकार ने जेल अधीक्षक के जरिए यह हलफनामा दायर किया है।
इस हलफनामे में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी मधुमेह, पीठ दर्द, अवसाद, त्वचा की एलर्जी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से पीड़ित है। पंजाब सरकार ने यूपी सरकार की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए यह भी कहा है कि वह डॉक्टरों की राय के अनुसार काम कर रही है।
याचिका को खारिज करने की मांग
पंजाब सरकार की ओर से यह दलील भी दी गई है कि पंजाब में अंसारी को हिरासत में रखे जाने से यूपी सरकार की ओर से अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का दावा नहीं किया जा सकता। इसलिए यूपी सरकार की रिट याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
यूपी सरकार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य में मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन इसके बावजूद उसे यूपी पुलिस को नहीं सौंपा जा रहा है।
यूपी सरकार ने दी ये दलील
सरकार का यह भी कहना है कि अदालत की ओर से पेशी वारंट जारी करने के बाद कई बार अंसारी को यूपी लाने की कोशिश की गई मगर जेल के अधिकारी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मुख्तार को यूपी भेजने में टालमटोल करते रहे हैं।
यूपी सरकार की ओर से यह भी दलील दी गई है कि या तो मुख्तार को मुकदमों का सामना करने के लिए यूपी की जेल में स्थानांतरित किया जाए या पंजाब के मुकदमे को भी यूपी में ही चलाया जाए।
यूपी सरकार के मुताबिक मुख्तार अंसारी के खिलाफ पंजाब में एक छोटे अपराध का मामला दर्ज है और अभी तक इस मामले में उसके खिलाफ चार्जशीट तक नहीं दाखिल की गई है।
सियासी तौर पर भी मामला गरमाया
उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी का मामला सियासी तौर पर भी गरमाया हुआ है और भाजपा विधायक अलका राय ने हाल में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिखकर पंजाब सरकार पर मुख्तार को बचाने का आरोप लगाया था। अलका राय गाजीपुर के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं और उनकी हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर ही लगा था।
मुख्तार को राज्य अतिथि बनाने का आरोप
प्रियंका को लिखे पत्र में अलका राय ने आरोप लगाया है कि मेरे पति के हत्यारे मुख्तार और उसके बेटे को पंजाब सरकार ने राज्य अतिथि बनाकर रखा हुआ है। उन्होंने मुख्तार अंसारी के बेटे की राजस्थान में हाल में हुई भव्य शादी पर भी दुख जताया है।
अलका राय ने प्रियंका से कांग्रेस सरकार की ओर से मुख्तार को बचाए जाने का कारण भी पूछा है।अलका का कहना है कि प्रियंका को एक महिला होने के नाते उनके दुख को समझना चाहिए।
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अलका राय इसके पूर्व भी कई बार प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिख चुकी हैं मगर प्रियंका ने अभी तक न तो अलका के पत्रों पर कोई प्रतिक्रिया जताई है और न ही उन पत्रों का कोई जवाब ही दिया है।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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