पायलट पर चली तलवारः गहलोत ने दिखाये तेवर, तीन मंत्रियों को किया बाहर

राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना नेता माना और उन्हें अपना समर्थन दिया।

Update:2020-07-14 16:13 IST

जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना नेता माना और उन्हें अपना समर्थन दिया। साथ ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की। इसके बाद से पायलट और उनके दो करीबी मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के बाद सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया।

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गोविंद सिंह डोटासरा बने नए प्रदेश अध्यक्ष

सचिन पायलट को हटाए जाने के बाद अब शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं सचिन पायलट के अलावा उनके दो करीबी मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से निकाल दिया गया। इस बात की जानकारी कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दी। सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस विधायक सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

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सुरजेवाला ने बीजेपी पर लगाया सरकार को अस्थिर करने का आरोप

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी पर राजस्थान में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए साचिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इस जाल में पायलट के साथ-साथ कुछ और विधायक भी फंस गए। सुरजेवाला ने कहा कि हमले खुले दिल से सचिन पायलट को वापस आने के लिए कहा था। हमने कहा था कि हम मिल-बैठकर सारी समस्याएं सुलझाएंगे।

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नेताओं के बीच सुलह कराने में प्रियंका गांधी रहीं नाकामयाब

वहीं राजस्थान में चल रहे सियासी भूचाल को सुलझाने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जिम्मेदारी तो ली, लेकिन वो भी सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सुलह करा पाने में नाकामयाब रहीं। सचिन पायलट का गुट सत्ता के नेतृत्व परिवर्तन की मांग पर अड़ा रहा। प्रियंका गांधी ने 13 जुलाई को सत्ता संग्राम को सुलझाने के लिए मोर्चा संभाला था।

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पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस की जीत

बता दें कि सचिन पायलट टोंक विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान पायलट ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। पायलट ने अग्रिम मोर्चे से पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया और भाजपा को हराने में कामयाब रहे। कांग्रेस के इस जीत में पायलट का बहुत बड़ा हाथ रहा। उनके आक्रामक चुनावी रणनीति और उनके नेतृत्व के चलते ही कांग्रेस ने जीत हासिल की।

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