24 घंटे में दो बार पायलट ने की राहुल-प्रियंका से बात, गहलोत से सुलह की कवायद

बताया जा रहा है कि ये सब सचिन पायलट की सोमवार को प्रियंका और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मुमकिन हो पाया है। सचिन पायलट ने कुछ शर्ते कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी हैं। जिस पर उन्हें आश्वासन दिया गया है।

Update: 2020-08-10 17:21 GMT
बीटीपी के दोनों विधायकों ने इस साल की शुरुआत में जब विधानसभा में गहलोत सरकार ने अपना बहुमत साबित किया था, तब अशोक गहलोत का समर्थन किया था।

नई दिल्ली: राजस्थान में लंबे समय से चला आ रहा सियासी तूफान अब थमने वाला है। आपसी खींचतान के बाद एक दूसरे से नाराज चल रहे सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के बीच में सुलह की कोशिशें तेज हो गई हैं।

बताया जा रहा है कि ये सब सचिन पायलट की सोमवार को प्रियंका और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मुमकिन हो पाया है। सचिन पायलट ने कुछ शर्ते कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी हैं। जिस पर उन्हें आश्वासन दिया गया है।

जिसके बाद से अब खबर ये आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलेट खेमे को आश्वासन दिया है कि अब किसी भी तरह की कोई भी पुलिस कार्रवाई नहीं की जाएगी। विधायकों के खरीद-फरोख्त के टेप कांड की जांच भी बंद होगी।

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सचिन पायलट और अशोक गहलोत की फ़ाइल फोटो

सोमवार देर रात सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों को लेकर राहुल गांधी के दफ्तर पहुंचे हैं, जहां बातचीत होगी। प्रियंका गांधी भी यहां मौजूद हैं।

कांग्रेस वार रूम 15-जीआरजी में बैठक होनी है। इससे पहले पायलट ने राहुल-प्रियंका से सोमवार दिन में मुलाकात की थी।

सोमवार रात में जयपुर के रवाना हो जाएंगे पायलट

सचिन पायलट गुट के सभी विधायक सोमवार रात जयपुर के लिए रवाना होंगे। सचिन पायलट भी साथ में जयपुर आएंगे। जयपुर रवाना होने की तैयारियां की जा रही हैं।

उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद विधायक भंवरलाल शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरखित है और बहुमत में है।पार्टी अब जनता से किए वादों को पूरा करेगी।

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सोमवार सुबह आखिर क्या बात हुई थी?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन पायलट ने सोमवार दिन में राहुल और प्रियंका से मुलाकात के दौरान कहा कि आलाकमान सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करे कि अशोक गहलोत के बाद निकट भविष्य में राजस्थान के मुख्यमंत्री वही होंगे।

अगर किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाता है तो उन्हें उन्हें दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया जाए। इसके साथ ही उनके खेमे से दो वरिष्ठ विधायकों को गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम का ओहदा दिया जाए।

उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने, किसी बोर्ड, न्यास या निगम की जिम्मेदारी देने की भी मांग उनके समझ रखा है।

पार्टी आलाकमान के साथ वार्ता को राजी हुए पायलट ने पार्टी में अपनी सम्मानजनक वापसी के लिए यह शर्त भी रखी कि सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की जाए कि राहुल गांधी की ओर से घोषणा पत्र में किए गए वादे लागू किए जाएंगे।

राहुल गांधी और सचिन पायलट की साथ में बातचीत करते हुए फ़ाइल फोटो

राहुल ने दिया ये प्रस्ताव

वहीँ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सचिन पायलट की बातों को सुनने के बाद उनकी समस्याओं को दूर करने का उन्हें विश्वास दिलाया है।

यही नहीं राहुल ने तो सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर लौटने का प्रस्ताव भी उनके सामने रख दिया है। राहुल गांधी ने पायलट के सामने सरकार के कामकाज के लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी रखा है।

गौरतलब है कि सचिन पायलट ने कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी के अंदर बगावत कर ली थी। बाद में पार्टी से अलग हो गये थे। पायलट ने दावा किया था कि गहलोत सरकार के पास बहुमत नहीं है।

उन्होंने पार्टी की बैठकों में जाने से भी साफ तौर पर मना कर दिया था जिसके बाद उन्हें राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने के साथ ही गहलोत मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया गया था। सीएम गहलोत ने पायलट को नकारा और निकम्मा कहा था।

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