शिवपाल के जन्मदिन पर भी नहीं पिघली बर्फ, चाचा भतीजे के बीच तकरार जारी 

Update:2018-01-22 21:58 IST

लखनऊ : यूपी की सियासत में चर्चित चाचा भतीजे के बीच सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है। मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के जन्मदिन पर भतीजे अखिलेश से खटास और बढ़ती दिखी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद आज उम्मीद की जा रही थी कि चाचा के बर्थडे पर जमी बर्फ पिघल सकती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस दौरान अखिलेश यादव तीन बार शिवपाल यादव के घर के सामने और लोहिया ट्रस्ट के सामने से गुजरे लेकिन शिवपाल को जन्मदिन पर बधाई नहीं देने गए।

मुलायम परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सार्वजनिक हो चुका चाचा भतीजे का झगड़ा। अब नफरत में बदल चुका है। पूर्व कैबिनेट मंत्री व मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के 63वें जन्मदिन पर कई कार्यक्रम हुए। लोहिया ट्रस्ट, दादा मियाँ की मजार, शनि मंदिर में माथा टेकने के अलावा शिवपाल ने गरीबों को कंबल बांट खाना खिला कर अपना जन्मदिन मनाया।

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शिवपाल यादव के जन्मदिन पर छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्रा की पुण्य तिथि पर सपा मुखिया अखिलेश यादव जनेश्वर मिश्रा पार्क के लिए निकले। तो शिवपाल लोहिया ट्रस्ट में थे। लेकिन उन का काफिला जनेश्वर मिश्रा पार्क की तरफ बढ़ गया। इस के बाद अखिलेश यादव काकोरी में हुई डकैती की घटना के बाद आज घटना स्थल पर पहुँच कर पीड़ितों से मुलाकात की। अखिलेश यादव जब काकोरी के लिए निकले तो चाचा घर पर थे। लेकिन अखिलेश मिलने नहीं गए। काकोरी से लौटने के बाद अखिलेश यादव अपने घर पहुंचे और फिर वहां जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट गए इस दौरान शिवपाल यादव अपने घर पर ही मौजूद थे।

शिवपाल सिंह यादव ने लोहिया न्यास में आयोजित कार्यक्रमों की शुरूआत सरस्वती पूजन से की। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डा० राममनोहर लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद उन्होंने जनकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला व छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया।

समाजवादी बौद्धिक सभा द्वारा निर्मित ई-बुक बेमिसाल अपने शिवपाल www.shivpal.in का विमोचित व ऑनलाइन किया। ई-बुक में शिवपाल से जुड़े छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र, समाजवादी चिन्तक मोहन सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा भारद्वाज, कवि गोपाल दास “नीरज“, लंका सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव व केन्द्रीय मंत्री रहे प्रो० तिस्सा वितर्णा समेत 63 समाजवादियों, साहित्यकारों व राजनेताओं के संस्मरण पढ़ सकेंगे।

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