सोनिया ने सरकार को घेरा, मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर दिया बड़ा बयान

प्रवासी मजदूरों से इस वक्त में भी किराया वसूलने को लेकर रेलवे की काफी आलोचना की जा रही है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि इस संकट के वक्त में भी मजदूरों से टिकट का पैसा वसूला जा रहा है।

Update:2020-05-04 14:27 IST
सोनिया ने सरकार को घेरा, मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली: बीते दिनों केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के चलते फंसे प्रवासी मजदूरों को घर वापसी की अनुमति दी थी। जिसके बाद प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से उनके राज्य पहुंचाया जा रहा है। इस बीच प्रवासी मजदूरों से इस वक्त में भी किराया वसूलने को लेकर रेलवे की काफी आलोचना की जा रही है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि इस संकट के वक्त में भी मजदूरों से टिकट का पैसा वसूला जा रहा है।

रेलवे की तरफ से दी गई सफाई

अब इस पर रेलवे ने सफाई दी है कि वह मजदूरों को जारी नहीं कर रहा है। रेलवे ने बताया कि अब तक 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है। रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, रेलवे ने सोमवार को कहा कि रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे द्वारा की जाने वाली कुल लागत का महज 15% है। रेलवे प्रवासियों को कोई टिकट नहीं बेच रहा है और केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई लिस्ट के आधार पर ही यात्रियों को यात्रा करने दे रहा है।

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अपनी सामाजिक जिम्मेदारी पूरा कर रहा रेलवे

रेलवे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और संकट के समय में विशेष रूप से गरीब लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है। मंत्रालय का कहना है कि, भारतीय रेलवे सामाजिक दूरियों को बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है। गाड़ियाँ गंतव्य से खाली वापस लौट रही हैं। रेलवे द्वारा प्रवासियों को मुफ्त भोजन और बोतलबंद पानी दिया जा रहा है।

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सोनिया गांधी ने क्या कहा?

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेलयात्रा का खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। वहीं रेलवे की सफाई सामने आने के बाद कांग्रेस का कहना है कि रेलवे अपने आदेश को लेकर दो तरह की बातें बोल रही है, जो आदेश जारी किया गया है उसमें साफ लिखा गया है कि टिकट के पैसे मजदूरों से ही वसूले जाएंगे। कांग्रेस ने मांग की है कि इस ऑर्डर को तुरंत वापस लिया जाए।



राहुल गांधी ने कहा- जरा ये गुत्थी सुलझाइए!

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए!



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प्रियंका गांधी ने पूरा खर्च उठाने की कही बात

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया था कि मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर ठोकर खा रहे हैं-यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है। जब हम विदेश में फँसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं। जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी।



संबित पात्रा ने BJP का ओर से दिया जवाब

वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से संबिता पात्रा ने जवाब दिया है कि मजदूरों की टिकट का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठा रही हैं। उन्होंने लिखा है कि ‘राहुल गांधी जी, मैंने यहां आपके लिए गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स दी हैं, जिसमें साफ लिखा है कि स्टेशन पर कोई टिकट नहीं बिकेगा। रेलवे 85 फीसदी सब्सिडी दे रहा है, राज्य सरकारों को 15 फीसदी सब्सिडी देनी है।

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उन्होंने लिखा है कि इस तरह से कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने प्रवासी कामगारों के लिए 15% (रेलवे द्वारा देखभाल की जा रही 85%) का भुगतान कर सकती है, बजाय रेलवे द्वारा उठाए गए अन्यथा सुचारू प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने के बजाय।



सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- भारत सरकार की कैसी नैतिकता

वहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा, भूखे हुए प्रवासी मजदूरों से खड़ी रेल का किराया वसूलने के लिए भारत सरकार की नैतिकता कैसी है! विदेशों में फंसे भारतीयों को एयर इंडिया द्वारा मुफ्त में लाया गया था। अगर रेलवे ने उगाही से इंकार किया तो पीएम केआरएस के बदले भुगतान क्यों नहीं किया?



हालांकि उन्होंने एक ओर ट्वीट करते हुए बाद में लिखा कि पीयूष गोयल कार्यालय में बात की। सरकार 85% और राज्य सरकार 15% का भुगतान करेगी। प्रवासी श्रमिक मुफ्त जाएंगे। मंत्रालय एक आधिकारिक बयान के साथ स्पष्ट करेगा।



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