नागरिकता कानून पर बवाल, ममता बनर्जी ने ऐसी बात कह सभी को चौंका दिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को शनिवार को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

Update: 2019-12-14 11:42 GMT

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को शनिवार को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाये रखने और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की।

ममता ने एक बयान में कहा, अपने हाथ में कानून को मत लीजिए। रास्ता और रेल मार्ग को बंद मत कीजिए इससे आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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साथ ही उन्होंने कहा कि एनआरसी और नागरिकता कानून को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। मेरा आपसे अनुरोध है कि लोगों के बीच शंका पैदा मत कीजिए।

बता दें कि असम, त्रिपुरा के अलावा प. बंगाल में भी नागरिकता कानून का जबरदस्त विरोध हो रहा है। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद में एक रेलवे स्टेशन को भी आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा प्रदर्शनकारी सड़क मार्ग और रेल मार्ग भी जाम कर रहे हैं।

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असम और त्रिपुरा में हिंसक विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई है। पूर्वोत्तर भारत में विशेषकर असम और त्रिपुरा में हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं।

भारत में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिका और फ्रांस ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें अपने देश के नागरिकों को असम ना जाने की सलाह दी गई है। हालांकि असम में फिलहाल शांति है और गुवाहाटी में लगाए गए कर्फ्यू में भी ढील दी गई है।

संयुक्त राष्ट्र ने कही ये बात

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि वह भारत के नागरिकता (संशोधन) कानून के प्रभाव की करीब से समीक्षा कर रहा है। महासचिव अंतानियो गुतेरेस के उपप्रवक्ता फरहान हक ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, "हमें इस बात की जानकारी है कि भारतीय संसद के उच्च और निचले सदन ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया है और हम इस संबंध में सार्वजनिक रूप से व्यक्त की जा रही चिंताओं से भी अवगत हैं।

संयुक्त राष्ट्र कानून के संभावित परिणामों को लेकर विश्लेषण कर रहा है।" हक ने यह भी कहा कि हमारे कुछ प्रतिवेदकों समेत मानवाधिकार तंत्रों ने पहले ही कानून की प्रकृति को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का असर भारत-जापान समिट पर पड़ा है। यह समिट असम के गुवाहाटी में रविवार से होनी थी, लेकिन जापानी के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपना भारत दौरा स्थगित कर दिया है।

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