Sonbhadra News: पर्यावरण बहाली के लिए एनसीएल को देने होंगे 10 करोड़, कोल भंडारण मामले में एनजीटा का बड़ा फैसला
Sonbhadra News: टीम को दो माह के भीतर प्रदूषण पर नियंत्रण और कोयले के सही तरीके से भंडारण के लिए, कार्ययोजना तैयार कर, रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल करनी होगी। योजना पर अमल करते वक्त, अतिरिक्त खर्चे का वहन भी एनसीएल को करना पड़ेगा।
Sonbhadra News: सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र के कृष्णशिला में रेलवे साइडिंग के पास 35 बीघे एरिया में किए गए लगभग तीन लाख टन कोयले के भंडारण मामले में एनजीटी ने बड़ा फैसला दिया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से एनसीएल के बीना कोल प्रोजेक्ट पर लगाई गई 4.43 करोड़ पेनाल्टी को अपर्याप्त बताते हुए, एनजीटी की प्रधान पीठ ने एनजीटी को पर्यावरण की बेहतर स्थिति बनाने के लिए 10 करोड़ अदा करने का निर्देश दिया है। एनसीएल को यह धनराशि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करनी होगी। साथ ही सीपीसीबी, यूपीपीसीबी, डीएम सोनभद्र और वन विभाग से जुड़ी एक संयुक्त टीम भी गठित की गई। टीम को दो माह के भीतर प्रदूषण पर नियंत्रण और कोयले के सही तरीके से भंडारण के लिए, कार्ययोजना तैयार कर, रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल करनी होगी। योजना पर अमल करते वक्त, अतिरिक्त खर्चे का वहन भी एनसीएल को करना पड़ेगा।
कोयला भंडारण में ताक पर रख दिए गए थे नियम
कथित कोल स्कैम को लेकर सोनभद्र से धनबाद, कोलाकाता और उड़ीसा तक चर्चा में रहने वाले कोयले के अनियमित भंडारण की बाजारू कीमत सौ-दो सौ करोड़ नहीं, बल्कि 30 हजार करोड़ थी। एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में जहां इस बात की पुष्टि की गई है। वहीं यह भी सामने आया है कि 2018 से 2022 तक किए गए मनमाने भंडारण, ने संबंधित एरिया में सिर्फ हवा को नहीं, मृदा और भूजल को भी गंभीर रूप से दूषित किया है। मामले की सुनवाई कर रही एनजीटी की प्रधान पीठ ने जहां हालात पर चिंता जताई है। वहीं गठित टीम को यह ध्यान रखने की ताकीद की है कि ऐसी योजना-व्यवस्था बनाई जाए, ताकि भविष्य में मनमाने तरीके से कोयला भंडारण और पर्यावरण को बड़ी क्षति की स्थिति न बनने पाए।
संयुक्त समिति को इन बातों का रखना होगा ख्याल
समिति को कार्ययोजना तैयार करते वक्त इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोयले का धूल उत्सर्जन नियंत्रित तो हो ही, कोयले की सही तरीके से स्टॉकिंग, हैंडलिंग और समयबद्ध उपचार की व्यवस्था उपलब्ध हो। इसके लिए यूपीपीसीबी को बतौर नोडल समन्वय और अनुपालन की जिम्मेदारी.सौंपी गई है। टीम को कोल.स्टॉकिंग के चलते होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने से संबंधित कार्रवाई पर नजर बनाए रखने और वायु गुणवत्ता सूचकांक को नियंत्रित सीमा में लाने के लिए कोयले के सही हैंडलिंग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
अभी आधे कोयले को ही किया गया है रिलीज
यूपीपीसीबी की तरफ से एनजीटी के पास जो रिपोर्ट पहुंची है, उसके मुताबिक अभी आधा कोयला ही रिलीज हुआ है। आधा मौके पर भंडारित पड़ा है। बता दें कि ग्रामीणों से मिली शिकायत पर जुलाई 2022 में जिला प्रशासन ने कोयले के अवैध/अनियमित भंडारण का खुलासा कर हड़कंप मचा दिया था। तत्कालीन समय में कोयला कहां से आया, इस बात से एनसीएल ने भी पल्ला झाड़ लिया था लेकिन जब कार्रवाई आगे बढी तो जहां एनसीएल की जमीन पर कोयला भंडारित होने की पुष्टि हुई, वहीं दावेदारों की तरफ से एनसीएल से कोयला लाकर भंडारण के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।