इस व्यक्ति ने सिखाया था हाथ धोना, Google ने बनाया डूडल

 पूरी दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। पूरी दुनिया इस जानलेवा से निपटने के प्रयासों में जुटी हुई है। इस बीच Google ने एक बेहद खास व्यक्ति को याद किया है।

Update:2020-03-20 17:09 IST
इस व्यक्ति ने सिखाया था हाथ धोना, Google ने बनाया डूडल

लखनऊ: पूरी दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। पूरी दुनिया इस जानलेवा से निपटने के प्रयासों में जुटी हुई है। इस बीच Google ने एक बेहद खास व्यक्ति को याद किया है। गूगल ने एक डॉ. इग्नाज सेमेल्विस का डूडल तैयार किया है। इन्हें पूरी दुनिया 'फादर ऑफ इन्फेक्शन कंट्रोल' (father of infection control) के नाम से भी जानती है। गूगल ने जो डूडल तैयार किया है, उसमें डॉ. सेमेल्विस की तस्वीर हाथ धोने के तरीकों के साथ देखी जा सकती है। गूगल ने इनका एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें हाथ धोने के तरीकों को दिखाया गया है।

कोरोना से बचने के लिए सबसे आसान तरीका

कोरोना से बचने के लिए जो सबसे आसान तरीका बताया जा रहा है, वो ये है कि सफाई का विशेष ध्यान रखें। समय-समय पर अपने हाथ धोते रहें और कम से कम 20 से 40 सेकेंड तक अच्छे से हाथों को धूलें। इस तरीके को अपनाकर आप बैक्टीरिया और वायरस से बच सकते हैं। आज लोगों को इसे लेकर जागरूक किया जा रहा है और लोग हाथ धूलने के फायदों से रूबरू हैं।

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हाथ धोने के फायदों के बारे में की खोज

लेकिन 19वीं सदी में लोग इस बात से बेखबर थें कि हाथ में मौजूद जीवाणुओं और विषाणुओं से बीमारियां फैल सकती हैं। उस समय में डॉक्टर तक हाथ की सफाई नहीं रखते थे। तब एक शख्स ने हाथ धोने के फायदों के बारे में खोज की और लगातार हो रही मौतों को कम करने में सफलता हासिल की।

अज्ञात बीमारी से मर रही थीं महिलाएं और नवजात बच्चे

दरअसल, 19वीं सदी के मध्य में एक ऐसा दौर आया था, जब एक अज्ञात बीमारी की वजह से लोगों की तेजी से मौतें हो रही थीं। ये हैरान करने वाली बात है कि उस समय हाथ नहीं धुले जाते थे। यहां तक की डॉक्टर्स भी हाथ नहीं धोया करते थे। उस समय प्रेग्नेंट औरतें यानि मां बनने वाली महिलाएं बड़ी संख्या में इन्फेक्शन और डिलीवरी के बाद होने वाले बुखार के चलते तेजी जान गंवा रही थीं। साथ ही अज्ञात बीमारी से नवजात बच्चे भी तेजी से मर रहे थे।

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मौत के बाद सही हुआ डॉक्टर इग्नाज का दावा

डॉक्टर इग्नाज इसकी वजह जानने की कोशिश की तो पता चला कि कई डॉक्टरों के हाथ पर मौजूद संक्रामक बीमारियां ढंग से हाथ न धोने के चलते अन्य लोगों तक पहुंच रही थीं। इस बात का पता लगने पर डॉक्टर इग्नाज डॉक्टरों से काफी नाराज हुए और साफ-सफाई का ख्याल रखने के लिए उन पर हत्या तक के आरोप लगाए गए। फिर उन्हें मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा, जहां पर उनकी मौत हो गई। फिर जब इग्नाज की मौत हो गई उसके बाद ये सामने आया कि उन्होंने हाथ धूलने की जरूरतों को लेकर जो दावे किए थे, वो सही थे।

1840 में वियना में सबसे पहले लागू हुआ प्रस्ताव

डॉ. इग्नाज सेमेल्विस के प्रस्ताव को साल 1840 में वियना में लागू किया गया। ये प्रस्ताव लागू करने के बाद मौतों में गिरावट दर्ज की गई। इसलिए गूगल ने उनके कामों को याद करते हुए एक डूडल शेयर किया है। इसके साथ ही एक वीडियो है, जिसमें सही से हाथ धोने के तरीके को बताया गया है।

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WHO कर रहा लोगों से हाथ धूलने की अपील

वहीं कोरोना से बचने के लिए भी लोगों से बार-बार हाथों को साफ रखने के लिए कहा जा रहा है। लोगों को अपने हाथों को समय-समय पर अच्छे से धोने की सलाह दी जा रही है। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की ओर से भी दुनियाभर में लोगों से बार बार सही ढंग से हाथ धूलने की अपील की जा रही है।

कौन थे डॉ. इग्नाज सेमेल्विस

डॉ. इग्नाज सेमेल्विस का जन्म हंगरी में हुआ था। उन्होंने वियना यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की थी। डॉ. इग्नाज सेमेल्विस हंगरी के फिजिशियन थे, जो वियना के जनरल अस्पताल में कार्यरत थे। आज ही के दिन उन्हें मैटरनिटी क्लीनिक वियना जनरल हॉस्पिटल का चीफ रेजिडेंट बनाया गया था। हालांकि उनकी खोज को उनकी मृत्यु के बाद प्रसिद्धि मिली थी।

https://www.youtube.com/watch?v=h8OX0FNWANM#action=share

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