Bengal Violence: बीरभूम हिंसा मामले में आज HC में सुनवाई, अधीर रंजन ने कहा बंगाल में मानवों का राज नहीं
Bengal Violence: हिंसा पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की घटना बेहद हिंसक और भयावह है। साफ है कि बंगाल में मानवों का राज नहीं, बल्कि दानवों की सरकार है।'
Bengal Violence : पश्चिम बंगाल (west bengal) के बीरभूम (Birbhum) इलाके में बीते दिन तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता की हत्या के बाद भड़की भीड़ ने भारी तबाही मचाई। गुस्साई भीड़ ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के चलते जान-माल की भारी क्षति हुई।
बीरभूम हिंसा ( Bengal Violence) मामले में कोलकाता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के मुख्य न्यायाधीश ने त्वरित एक्शन लेते हुए आज, 23 मार्च की दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई सुनिश्चित की है। बीरभूम में भड़की इस भयावह हिंसा और उपद्रव के मद्देनज़र विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
क्या कहा कांग्रेस सांसद ने?
भिरभूम हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) पर ज़ोरदार हमला बोला। अधीर रंजन ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की घटना बेहद हिंसक और भयावह है। इस घटना के चलते यह पूरी तरह से साफ है कि बंगाल में मानवों का राज नहीं, बल्कि दानवों की सरकार है।'
विपक्ष हमलावर
पश्चिम बंगाल में हुई इस ताजा घटनाक्रम के चलते पूरा विपक्ष राज्य की सत्ताधारी तृणमूल सरकार पर हमलावर हो गई है। विपक्ष का कहना है कि यह हिंसा साजिशन टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा भड़काई गयी है।
शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा
बीरभूम हिंसा के मद्देनज़र बंगाल बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) के नेतृत्व में पार्टी के 50 विधायक आज बुधवार को बीरभूम में हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करेंगे। इस दौरान बीजेपी नेता मृतक के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे। भाजपा नेताओं और शुभेंदु अधिकारी ने बीरभूम में हुई इस घटना के चलते राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
क्या है बीरभूम हिंसा मामला?
पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट इलाके में बीते दिन तृणमूल कांग्रेस के नेता बहादुर शेख की हत्या के बाद भीड़ द्वारा कथित तौर पर 7 से 8 घरों में आग लगा दी। इस हिंसा में दो बच्चों सहित आठ लोगों को जलाकर मार डाला गया था। हिंसा मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसआईटी मामले की जांच कर रही है।