हार्दिक पटेल को 'सुप्रीम' राहत, अब लड़ सकेंगे Gujarat विधानसभा चुनाव, सजा पर लगाई रोक
Hardik Patel Big Relief : कांग्रेस पार्टी के नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने सजा को निलंबित करने की मांग की थी।
Hardik Patel Big Relief : पाटीदार आंदोलन (Patidar Agitation) के दौरान हिंसा के मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ( Hardik Patel) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से आज, 12 अप्रैल को बड़ी राहत मिली। सर्वोच्च अदालत ने पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा मामले में हार्दिक को दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि इसी साल अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं।
कांग्रेस पार्टी के नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने सजा को निलंबित करने की मांग की थी। ये याचिका उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दायर की थी।
चुनाव लड़ने से रोकना अधिकारों का हनन
इस मामले पर हार्दिक पटेल के वकील मनिंदर सिंह बोले, 'चुनाव लड़ने से रोकना उसके अधिकारों का हनन है। वर्ष 2019 में एक बार चुनाव लड़ने का मौका हार्दिक पटेल गवां चुके हैं। हार्दिक के वकील ने आगे कहा, कि उनका मुवक्किल कोई सीरियस किलर नहीं हैं। हार्दिक के वकील का कहना है कि पुलिस ने अपनी शक्ति का बेजा इस्तेमाल किया। बता दें, कि हार्दिक पटेल को 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 'अयोग्य' करार दिया गया था। तभी उन्होंने ये याचिका दायर की थी।
वकील ने दी सिद्धू के मामले की दलील
हार्दिक पटेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया, कि 'नवजोत सिंह सिद्धू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषसिद्धि याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी देखना चाहिए कि इसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव होगा और अगर उसे बरकरार रखा गया तो उसे कभी ना पूरा होने वाला नुकसान तो नहीं होगा।' दलील में ये भी कहा गया कि, इसी फैसले में कहा गया था कि ऐसे मामलों में मौजूद सबूतों पर भी गौर किया जाना चाहिए। हार्दिक के मामले में कोई सीधा सबूत नहीं है। पूरा मामला ही कही-सुनी पर आधारित है। याचिका में दोषसिद्धि को निलंबित कर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
क्या है मामला?
साल 2015 में हुए एक उपद्रव मामले में वर्ष 2019 में गुजरात हाईकोर्ट से हार्दिक पटेल को बड़ा झटका देते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले में मेहसाणा में 2015 के उपद्रव मामले में उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करने की अपील की गई थी। दंगा भड़काने के आरोप में वर्ष 2018 में निचली अदालत ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।