दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर 'AAP' सरकार कराएगी जांच, LG को भेजी फाइल
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को लेकर जांच के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को फाईल भेजी है|
Death due to lack of oxygen: दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत का मामला गहराता जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को लेकर जांच की जाएगी. दिल्ली सरकार ने इसके लिए एक 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस बीच दिल्ली केउपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को उच्चस्तरीय समिति गठित करने की मंजूरी के लिए एक फाइल भेजी है। उनकी मंजूरी के बाद यह कमेटी इस मामले में जांच शुरू करेगी| मनीष सिसोदिया ने कहा कि इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते कितने कोरोना मरीजों की मौत हुई थी। साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर एलजी को समिति के गठन को न रोकने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
दिल्ली सरकार ने अलग तरीके से जवाब देने का लिया फैसला
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन या इलाज न मिलने की वजह से जिन लोगों की मौत हुई है उनकी जानकारी केंद्र सरकार ने मांगी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने इसका जवाब अलग तरीके से देने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने जब कमेटी बनाई थी तो उपराज्यपाल ने उसे भंग कर दिया था। इसलिए पत्र के जवाब में एलजी अनिल बैजल के निर्देश पत्र की चर्चा करने के लिए कहा गया है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के पास अप्रैल से जून के बीच ऑक्सीजन की कमी, बिस्तर न मिलने या फिर अस्पतालों के बाहर कितने लोगों की मौत हुई है? इससे जुड़ी जानकारी नहीं है।
ऑक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मौत न होने का दावा
उधर, दिल्ली सरकार के अस्पतालों ने भी ऑक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मौत न होने का दावा किया है, जिसमें केंद्र सरकार के एम्स, आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल भी शामिल है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार के लोकनायक अस्पताल, डीडीयू, बाबा भीमराव आंबेडकर और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने ऐसा कोई भी रिकॉर्ड होने से इनकार किया है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले कहा कि ऑक्सीजन से कोई मौत नहीं हुई, फिर जब सवाल उठे तो कहा गया कि हमने राज्यों से डाटा मांगा है. केंद्र सरकार ने 13 अगस्त को डेटा भेजने को कहा था|