भारत-चीन विवाद पर बोले अखिलेश- पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोई राज्य जब विदेशी पर अपना जोर नहीं दिखा पाता है तो वह अपने देशवासियों पर उसका...

Update:2020-06-20 23:49 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोई राज्य जब विदेशी पर अपना जोर नहीं दिखा पाता है तो वह अपने देशवासियों पर उसका इस्तेमाल करता है। हिमालय सम्बंधी हमारी सभी नीतियां इसलिए असफल रहेंगी क्योंकि हमारा दिल उनमें नहीं है। यह सरकार कोई काम ठीक से नहीं कर सकती है। उन्होंने डॉक्टर राममनोहर लोहिया के कथन ‘‘कमजोरों के सामने गरमी और ताकतवरों के सामने नरमी उद्घृत करते हुए कहा कि भारतीय विदेश नीति में यही नीति चलती रही है।

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चीन और एलएसी पर प्रधानमंत्री के साथ पूरा देश खड़ा है

सपा अध्यक्ष ने शनिवार को कहा कि आज पूरा देश व हर दल, चीन और एलएसी पर प्रधानमंत्री के साथ पूरे विश्वास के साथ खड़ा है। अब सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि देश की सीमाओं के साथ ही जनता के विश्वास की भी शत-प्रतिशत रक्षा हो। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के समय बना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे आज देश की सेना के लिए रनवे की तरह तैयार है। यहां लड़ाकू विमान उतर सकते है और यहां से उड़ान भी भर सकते हैं। यह एक्सप्रेस-वे एक दूरगामी निवेश की सोच का परिणाम है जिसका दोहरा लाभ देश के सैनिकों और जनता को निरन्तर मिलता रहेगा।

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चीन और पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता

इधर, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीते शुक्रवार को बुलायी गई विपक्षी दलों के साथ बैठक में शामिल हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि चीन और पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है। हमें हमेशा सतर्क रहना पडेगा। डोकलाम के बाद गलवान घाटी की घटना को देखते हुए हमें लांगटर्म के लिए तत्काल प्रभाव से तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा युद्ध अंतिम विकल्प होता है। उन्होंने चीन को आर्थिक क्षति पहुंचाने को अस्त्र-शस्त्रों की चोट से भी ज्यादा खतरनाक बताया। उन्होंने हर छह माह में सर्वदलीय बैठक बुलाने का भी सुझाव दिया।

रामगोपाल ने सर्वदलीय बैठक में कहा सरकार कुछ भी कहें लेकिन सच यह है कि चीन ने हमारी कुछ जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसको कूटनीतिक राजनीतिक वार्ताओं के जरिए वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के तौर पर चीन-पाकिस्तान की सीमा तक जाने वाली सड़कों को सिक्स लेन हाईवेज में परिवर्तित करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू करना होगा।

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चीनी उत्पादों के आयात रोका जाना चाहिए

उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादों के आयात रोका जाना चाहिए क्योंकि उनसे हमारे कुटीर उद्योग खत्म हो गए है और करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं। भारत चीन के उत्पादों का डम्पिंग ग्राउण्ड बन गया है। आयात पर तत्काल रोक पर कोई दिक्कत हो तो चीन से आयातित उत्पादों पर 300 प्रतिशत डयूटी लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रो. रामगोपाल ने सर्वदलीय बैठक में सुझाव दिया कि अरूणांचल प्रदेश से लेकर कच्छ तक जितने लोकसभा क्षेत्र, चीन और पाकिस्तान की सीमा से मिलते हैं, उनके सांसदों से हर तीन माह में मिलकर जमीनी हकीकत की जानकारी लेनी चाहिए।

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