ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर पांच लेखपाल निलंबित, जानें पूरा मामला
मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज मे से तकरीवन 2 लाख करोड़ रुपये छोटे और कमजोर तबके के लोगो को फौरी सहायता के रूप मे उपलब्ध कराये है।
औरैया: जब व्यक्ति को नौकरी नहीं मिलती तो वह उसके पीछे पागलों की तरह दौड़ता है, जब सरकार उस पर मेहरबान हो जाती है और वह सरकारी सेवा में आ जाता है तो वह अपनी नौकरी के प्रति घोर लापरवाही बरतते हुआ दिखाई देता है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को जनपद औरैया में देखने को मिला।
बताते चले कि बीते शनिवार को सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम चिरूहूली मिहोली हाईवे पर एक हादसा हो गया था। जिसमें 26 प्रवासी मजदूरों को जान गंवानी पड़ी थी।
जान गंवाने के बाद जिला प्रशासन ने मृतकों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाए जाने के लिए व्यवस्था की उसके उपरांत उनमें जनपद के अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। जिस में लापरवाही बरतने पर 5 लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है।
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16 मई की घटना को लेकर कार्रवाई
ट्राला-डीसीएम की टक्कर में 16 मई की सुबह में मृत हुए प्रवासी श्रमिकों के शवों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक गाड़ी के साथ एक-एक लेखपालों को साथ जाने को लगाई गई ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर एसडीएम ने पांच लेखपालों को निलंबित कर दिया है।
सोमवार को तहसीलदार की आख्या पर एसडीएम ने सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई की। कोतवाली क्षेत्र के गांव चिरूहुली-मिहौली हाईवे पर शनिवार की भोर हुए हादसे में मृत हुए 26 प्रवासी श्रमिकोंं के शवों को रविवार को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने इंतजाम कराए थे। इसके तहत शव ले जाने वाली प्रत्येक गाड़ी में एक-एक लेखपाल को भी साथ जाने के लिए ड्यूटी लगाई गई थी।
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बावजूद इसके पांच लेखपाल ड्यूटी स्थल जालौन चौराहे पर नहीं पहुंचे यही नहीं फोन भी या तो स्विच ऑफ कर लिया या रिसीव नहीं किया। ऐसी स्थिति में तहसीलदार सदर राजकुमार चौधरी की आख्या पर एसडीएम सदर विजेता ने इंगुठिया के लेखपाल राकी, फतेहपुरबेनी के लेखपाल अंकित अग्रवाल, निगड़ा के लेखपाल ललित प्रताप, फफूंद के लेखपाल शशिकांत पोरवाल व गांव महतेपुर के लेखपाल भूपेंद्र पाल को उच्चाधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन करने, कोविड-19 को राष्ट्रीय आपदा के अंतर्गत भारत सरकार /राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशासनिक तंत्र के लिए अनिवार्य बताते हुए व महामारी अधिनियम 1997 के अंतर्गत आदेशों का उल्लंघन दंडनीय अपराध के अंतर्गत बताते हुए नियमों का उल्लंघन करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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