पुलिस पिटाई से मौत का मामला: योगी राज में पुलिस से आम आदमी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-30 07:59 GMT

पुलिस पिटाई से मौत का मामला (social media)

पुलिस पिटाई से मौत का मामला:  गोरखपुर (Gorakhpur) के एक होटल में ठहरे कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई (up police) से हुई मौत के मामले में आज पीडित परिवार से मिलने पहुंचे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) ने कहा कि प्रदेश सरकार पुलिस से गलत काम करवा रही है। उन्होंने कहा कि योगी राज में बार बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में सबसे अधिक मौते उत्तर प्रदेश में ही हो रही हैं।

योगी राज में पुलिस से आम आदमी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं

अखिलेश यादव ने पीडित परिजनों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि योगी राज में पुलिस से आम आदमी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। अखिलेश यादव ने पूरे मामले कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज से पूरे मामले की न्यायिक जाँच की माँग की है। यह भी कहा कि मामले की जांच गोरखपुर में न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीडित परिवार को दो करोड़ की आर्थिक मदद देने का एलान करने के साथ ही उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी भी दे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी।

योगी आदित्यनाथ भी पीडित परिवार से मिलेंगे

आज दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पीडित परिवार से मिलने वाले हैं। योगी आदित्यनाथ पीड़ित परिवार से मिलने के लिए उनके घर जाएंगे।उधर कानपुर के प्रापर्टी डीलर की हत्या के मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस मामले में एसएचओ समेत समेत 6 के खिलाफ गोरखपुर के रामगढ़ताल में केस दर्ज किया गया है। हत्या के मामले में एसओ जेएन सिंह, उपनिरीक्षक अक्षय मिश्रा, उपनिरीक्षक विजय यादव और 3 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

पत्नी अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगा रही है

वहीं सोशल मीडिया पर मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी का वीडियो वायरल हुए था। इस वीडियो में वो अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगा रही हैं। जबकि दूसरे वीडियों में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी उनको समझाने का प्रयास करते हुए तरह तरह के प्रलोभन देने का काम कर रहे हैं। इसमें गोरखपुर के डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी विपिन टाडा बीआऱडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी में एक बंद कमरे में पीड़ित परिवार से एफआईआर नहीं करवाने की बात कह रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अधिकारी परिवार को समझ रहा है कि एफआईआर दर्ज होने पर पुलिसवालों का परिवार बर्बाद हो जाएगा।

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