कोरोना का खौफ! मुहूर्त के बीच ‘लॉक’ हुई सहालग, निकाह भी ‘डाउन’
वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। महामारी ने खुशी की शहनाई को थाम दिया है।सात फेरों का बंधन और कुबूल-कुबूल की सदाओं पर नोवेल कोरोना महामारी का साया आ चुका है।
अजय मिश्रा
कन्नौज। सात फेरों का बंधन और कुबूल-कुबूल की सदाओं पर नोवेल कोरोना महामारी का साया आ चुका है। जिसकी वजह से मांगलिक कार्यों की शहनाई की गूंज नहीं सुनाई पड़ रही है। ऐसा नहीं है कि अप्रैल से जून तक सहालग के मुहूर्त नहीं हैं, लेकिन इन पर वायरस का ‘लॉक’ लगा हुआ है। सर्दियों में सिर्फ 12 सहालगें ही हैं, अगर इसमें चूक गए तो फिर वर्ष 2021 में ही विवाह व निकाह हो सकेंगे।
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खुशी की शहनाई को थाम दिया
वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। महामारी ने खुशी की शहनाई को थाम दिया है। जिन परिवारों में शादी या अन्य मांगलिक कार्यों की शहनाई बजने वाली थी, उनका कहना है कि महामारी का पूरी तरह साया खत्म होने के बाद ही विवाह का शुभ मुहूर्त छंटवाया जाएगा।
मांगलिक कार्यों में व्यवधान डालने वाले कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए जरूरी है, कि भीड़ एकत्र न हो। अगर विवाह समारोहों हुए तो भीड़ से बचना मुश्किल है, इसलिए ज्यादातर लोगों ने अप्रैल और मई के पहले सप्ताह में होने वाले सभी विवाह कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं।
अब कुछ जून तो ज्यादातर लोग नवंबर-दिसंबर में तिथि तय करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि नवंबर-दिसंबर में भी विवाह की तिथियां कम ही हैं। ऐसे में लोगों के अरमानों पर ग्रहण लगना तय माना जा रहा है। जिसकी वजह से वर्ष 2021 में ही शादियां, निकाह आदि होंगे।
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इधर 13 अप्रैल से खरमास खत्म होने के बाद से सहालग का मुहूर्त शुरू हो गया है, जो 15 दिसंबर तक चलेगा। उसके अगले दिन से खरमास लग जाएगा। 14 जनवरी 2021 यानि मकर संक्रांति तक वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।
एक-दूजे के मिलन में होलाष्टक के बाद लॉकडाउन का अडंगा
पिछले महीने की दो तारीख को होलाष्टक के बाद से शुभ कार्यों पर रोक लग गई थी। 15 अप्रैल में शुभ कार्यों को फिर से प्रारंभ होने थे, लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी।
लॉकडाउन खत्म होता, उससे पहले आगे बढ़ाकर तीन मई कर दिया गया है। आचार्य राकेश मिश्रा ने मुताबिक 30 जून तक विवाह के मुहुर्त हैं। एक जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी (हरिशयनी एकादशी) है।
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इस दिन भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं और पुन: कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवोत्थान एकादशी) के दिन जागते हैं, जो 25 नवंबर को है। इन चार महीनों में कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।
लॉकडाउन के चलते टल गई तिथियां
तिर्वा कस्बे के मोहल्ला अन्नपूर्णानगर निवासी आचार्य राहुल अवस्थी उर्फ लल्ला बाबू बताते हैं कि 14 अप्रैल को खरमास खत्म होने के बाद मुहुर्त शुरू हो गए।
तय शादियों के लिए मैरिज हाल, टेंट, कैटरिंग, बैंडबाजा, ब्यूटीशियन, सजावट आदि की बुकिंग पहले ही हो चुकी थी। लॉकडाउन के चलते तिथियां टलने लगीं। अप्रैल व मई की सभी बुकिंग निरस्त कर दी गई हैं। शादी की तिथियां भी तय करने में यजमान परहेज कर रहे हैं।
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जून में शादी के लिए परहेज
यूपी के कन्नौज जिले के तिर्वा गंज निवासी आचार्य भुवनेश अवस्थी लॉकडाउन के चलते शादी, यज्ञोपवीत व मुंडन संस्कार सभी स्थगित हो गए हैं। जून में बारिश, आंधी व गर्मी की वजह से शादी से ज्यादातर लोग परहेज करते हैं।
नवंबर में केवल 26, 29 व 30 तारीख को मुहुर्त है। इसके बाद दिसंबर में भी 13 तारीख तक मुहुर्त रात हैं। अगर लॉकडाउन बढ़ा तो अधिकांश शादियां अगले साल ही सम्पन्न होंगी।
कई पंचांगों में यह हैं विवाह के मुहूर्त
अप्रैल: 17, 20, 25, 26, 27
मई: 1, 2, 3, 4, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 17, 19, 23 ,24
जून: 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29,30
नवंबर : 26, 29, 30
दिसंबर :1, 2, 6, 7, 8, 9, 10, 11 ,13
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