मोदी सरकार के खिलाफ सपा का हल्ला बोल, बूट पॉलिश-पकौड़े तलकर हुआ विरोध

आज सैकड़ो की संख्या में सपा कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में प्रदेश व केंद्र सरकार के विरूद्ध नारेबाजी की और अपना विरोध जताया।

Update: 2020-09-21 10:50 GMT

बागपत: तीन अध्यादेश, बेरोजगारी व किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर पूरे प्रदेश में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिशानिर्देश पर सपा कार्यकर्ताओं ने हल्ला बोल रखा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, शामली में भी सैकड़ो सपा कार्यकर्ताओं ने अलग अलग तहसीलों में प्रदर्शन किया। इस दौरान जनपद बागपत के बड़ौत तहसील परिसर में सपा कार्यकर्ता बूट पोलिश व ठेलों पर पकौड़ी तलते हुए भी नज़र आये।

सपा का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- गायत्री प्रजापति की बढ़ीं मुश्किलें: SC ने अंतरिम जमानत पर लगाई रोक, हैं ये आरोप

आज सैकड़ो की संख्या में सपा कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में प्रदेश व केंद्र सरकार के विरूद्ध नारेबाजी की और अपना विरोध जताया। सपाई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो अध्यादेश सरकार लेकर आ रही है वह किसानों के खिलाफ है। सरकार किसान विरोधी है। युवा विरोधी है।

सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों का संसद परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू

इसीलिए आज पूरे देश का किसान और सपा कार्यकर्ता सड़कों पर हैं। युवा बेरोजगार घूम रहा है, नौजवानों के अपने भविष्य की चिंता हो रही है और देश के प्रधानमंत्री लोगो से पकोड़े तलने को कह रहे हैं। इसीलिए हमने भी आज पकौड़ों को तलकर और बूट पॉलिश करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया।

सरकार कर रही किसानों का शोषण

सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- इमरान को झटका: पाकिस्तान में ही रची जा रही साजिश, किया गया गठबंधन

उन्होंने कहा उनके गन्ने का भुगतान समय से नहीं किया जाता किसान भुखमरी की कगार पर खड़ा है। एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है दूसरी ओर किसानों का शोषण कर रही है। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार किसान विरोधी, छात्र विरोधी, युवा विरोधी, मजदूर विरोधी, व्यापारी विरोधी है।

सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- शिक्षक भर्ती पर ऐलान: जान लें सभी अभ्यर्थी, आरक्षण के तहत इतने पदों पर भर्तियाँ

भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है और कानून का चीर हरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अध्यादेश वापिस नहीं लिया गया तो किसानों का शोषण होगा। किसान अपने ही खेत मे मजदूर होगा। यदि सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नही किया तो वे लोग आगे की रणनीति तय कर एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इसके पश्चात उन्होंने अपनी मांगों को रखते हुए एक ज्ञापन एसडीएम बड़ौत को सौपा है।

रिपोर्ट- पारस जैन

Tags:    

Similar News