UP में पलायन: लोगों में इस बात का डर, हो गए मजबूर, लगाए घर बिकाऊ के पोस्टर
पुलिस की इस फर्जी और झूठी कहानी से नाराज और खौफ में आए पीड़ित परिवार सहित गांव के दर्जन से ज्यादा परिवारों ने पलायन की तैयारी कर ली है।
बागपत: बागपत में धड़ाधड़ एनकाउंटर कर अपनी पीठ थपथपा रही योगी की पुलिस एक एनकाउंटर में घिरती नजर आ रही है। क्योंकि पीड़ित परिवार इस एनकाउंटर को फर्जी बताकर इंसाफ की गुहार लगा रहा है। पीड़ित परिवार ने अपने बेटे की बेगुनाही के लिए सीसीटीवी फुटेज भी जारी की है, जो दाल में काला होने की कुछ गवाही दे रही है।
पुलिस की इस फर्जी और झूठी कहानी से नाराज और खौफ में आए पीड़ित परिवार सहित गांव के दर्जन से ज्यादा परिवारों ने पलायन की तैयारी कर ली है। इन परिवारों ने घरों के बाहर ये मकान बिकाउ है के पोस्टर लगा दिए हैं और मकान बेचने के लिए दोघट पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। यानि सवाल उठ रहा है कि कहीं अपराधियों को पकड़ने में नाकाम पुलिस अब बेगुनाहों को तो निशाना नहीं बना रही है?
दीवारों पर लगे मकान बीकाऊ के पोस्टर
ये मकान बिकाउ है। ये भी मकान बिकाउ है। और कुछ ऐसा ही इस मकान पर भी लिखा है। साथ में लिखा है जिम्मेदार दोघट पुलिस। बागपत के गांगनौली गांव में मकान बिकाउ है के ये पोस्टर एक दो नहीं बल्कि गांव की हर-गली और हर चैराहे पर लगे हैं। दर्जन से ज्यादा परिवार के लोगों ने बागपत पुलिस के खौफ से पलायन करने का मन बना लिया है।
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उन्हें डर सता रहा है कि कहीं बागपत पुलिस उनका भी एनकाउंटर न कर दें। कहीं बेगुनाह होने के बावजूद उन्हें गुनहगार न बना दे। इसी डर से घबराए गांगनोली गांव के सैकड़ों लोगों ने पलायन का मन बना लिया है।
परिवार ने लगाया फर्जी एनकाउंटर का आरोप
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फर्जी एनकाउंटर, पलायन की चेतावनी और मकान बिकाउ है के लगे पोस्टर की तिकड़ी में उलझी इस पूरी कहानी से पर्दा उठाते हैं। 30 अगस्त को बागपत के दोघट थाना इलाके के गांगनौली गांव में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। जिसमें पुलिस ने पैर में गोली मारकर प्रवीण गांगनोली नाम के एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से बाइक और हथियार बरामद दिखा दिए। लेकिन इस एनकाउंटर के तीन दिन बाद ही पुलिस का दामन दागदार हो गया। क्योंकि प्रवीण के परिजनों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बता दिया।
प्रवीण के पिता सत्यवीर सिंह राठी ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाया कि पुलिस उन्हीं के सामने प्रवीण को खेत से उठाकर ले गई और कुछ ही देर में उसे मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार दिखा दिया। प्रवीण की मां सुभाषना राठी गांगनोली गांव की ग्राम प्रधान है। प्रवीण के पिता सत्यवीर सिंह राठी ने पुलिस की झूठी थ्यौरी की हकीकत भी सामने रखी और एक वीडियो फुटेज मीडिया को जारी की जिसमें पुलिस की जीप गांव में दाखिल होती दिख रही हैं।
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और जिस बाइक को पुलिस कह रही थी कि प्रमोद चला रहा था, उस बाइक को एक पुलिसकर्मी बाइक पर ले जाते वक्त कैमरे में कैद हो गया है। क्योंकि जो सीसीटीवी फुटेज प्रवीण के पिता ने मीडिया को उपलब्ध कराया है। उसमें 05 बजकर 34 मिंट पर पुलिस पहले ही परवीन की बाइक को ले जाती नज़र आ रही है। जबकि पुलिस ने ये मुठभेड़ रात में होना बताया था। यानि जब प्रवीण से मुठभेड़ हुई तो वहां बाइक थी ही नहीं और पुलिस ने झूठी कहानी सुनाई की बाइक सवार प्रवीण वारदात को अंजाम देने जा रहा था और उससे मुठभेड़ हो गई।।
पुलिस पर लगा दाग
प्रवीण गांगनौली का भाई प्रमोद गांगनौली एक लाख का इनामी बदमाश रहा था। उसकी हत्या कर दी गई थी। लेकिन लंबे अरसे से प्रमोद के भाई प्रवीण का नाम न तो किसी वारदात में सामने आया और न ही किसी साजिश या अपराध में। लेकिन पुलिस ने उसके एनकाउंटर से क्या साबित करने का काम किया। ये तो पुलिस ही बेहतर बता सकती है। अब दामन पर दाग लगे हैं तो पुलिस कह रही है कि पूरे परिवार की क्राइम हिस्ट्री है और ग्राम प्रधान के कहने पर ही पूरे गांव में ये पोस्टर लगाए गए हैं और हम जांच कर रहें हैं।
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पुलिस बदमाशों के एनकाउंटर कर रही है अच्छी बात है। लेकिन बेगुनाहों को गुनहगार बताकर फर्जी मुठभेड़ में पकड़ कर अपनी पीठ थपथपाने की पुलिस की कहानी को कानूनी भाषा में जायज नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि एक तरफ अपराध कम होने पर लोग पुलिस की जरूर पीठ थप-थपाएंगे। लेकिन बेगुनाहों को सलाखों के पीछे भेजने वाली पुलिस के दामन पर दाग भी जरूर आएंगे। अब कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ ये तो जांच का विषय है। लेकिन हां प्रवीण का एनकाउंटर पुलिस की झूठी कहानी की हकीकत जरूर बयां कर रहा है।
रिपोर्ट- पारस जैन