Gonda Murder Case: गोंडा हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा, सांसद बृजभूषण सिंह का फर्जी लेटर पैड और हस्ताक्षर का हुआ था इस्तेमाल

Gonda Murder Case: तरबगंज मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लेटर पैड पर फर्जी दस्तखत कर जांच के ट्रांसफर का खुलासा हुआ है। जबकि, बृजभूषण शरण सिंह ने कोई भी पत्र लिखने से इनकार किया।

Report :  aman
Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-24 15:48 IST

Brij Bhushan Sharan Singh (Social Media)

Gonda Murder Case: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के तरबगंज में 6 साल पहले हुए हत्याकांड में 14 बार जांच बदलने मामले में मंगलवार (24 अक्टूबर) को ताजा अपडेट आया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने इस मामले में यूपी गृह विभाग के प्रमुख सचिव को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने बताया कि, इस मामले में उनके लेटर पैड और फर्जी हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया है। बीजेपी सांसद द्वारा गृह विभाग के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में क्राइम संख्या 238/2017 के संबंध में कार्रवाई की मांग भी की गई है।

बता दें, तरबगंज मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लेटर पैड पर फर्जी दस्तखत कर जांच के ट्रांसफर का खुलासा हुआ है। जबकि, बृजभूषण शरण सिंह ने कोई भी पत्र लिखने से इनकार किया।

क्या है मामला?

ये मामला यूपी के गोंडा जिले के तरबगंज का है। जहां 4 जून, 2017 को दलित रमई की जमीनी विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन जांच से संतुष्ट न होकर परिवार ने एससी-एसटी आयोग (UP SC-ST Commission) का दरवाजा खटखटाया था। आयोग ने मामले की सीबीसीआईडी को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मगर, आरोपियों ने 14 बार मृतक की पत्नी का फर्जी अंगूठा लगाकर जांच बदलवाई। आरोपी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कैसरगंज सीट से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लेटर पैड पर फर्जी तरीके से लिख कर तथा उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर भी जांच को ट्रांसफर करवाया। अब इसी मामले में बीजेपी सांसद ने यूपी गृह सचिव को पत्र लिखा है।

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6 साल बाद उठा पर्दा, तो भौंचक्के रह गई सरकार

सिस्टम समाज के वंचित और कमजोर तबके के लिए कितना निर्दयी हो सकता है, ये गोंडा हत्याकांड से जाहिर हो चुका है। जहां एक दलित बुजुर्ग की सालों पहले हत्या कर दी गई और दबंग आरोपी अपनी रसूख का इस्तेमाल कर जांच को प्रभावित कर रहे। 6 साल बाद जब मामला उजागर हुआ तो शासन हरकत में आया। अब धीरे-धीरे इस मामले से जुड़े कई अहम खुलासे हो रहे हैं। आरोपियों ने जांच को भटकाने की कोशिश पूरे प्लानिंग के साथ कर रखी थी। इसके लिए प्रभावशाली लोगों के फर्जी हस्ताक्षर तक का इस्तेमाल तक किया। दलित बुजुर्ग हत्याकांड मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लेटर पैड और उनके फर्जी हस्ताक्षर का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। बीजेपी सांसद के लेटर पैड पर फर्जी दस्तखत कर जांच के ट्रांसफर होने का खुलासा हुआ है। इसकी तस्दीक खुद कैसरगंज सांसद की ओर से गई है और उन्होंने जांच के लिए शासन को खत लिखा है।

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14 बार बदली गई जांच, अब DGP के जिम्मे 

इस हत्याकांड की जांच 14 बार बदली गई। अर्थात हर बार एक नए अधिकारी को फिर से जांच शुरू करने का जिम्मा मिला। इस मामले की शिकायत जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के पास पहुंची। तब जाकर वरीय अधिकारी हरकत में आए। अब इस मामले में अपर मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद ने डीजीपी को जांच के आदेश दिए हैं। 14 बार किस आधार जांच अधिकारी बदले गए इसका जवाब मांगा गया है। 

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