Bulandshahr News: गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का बीम गिरने के मामले की जांच शुरू, प्रोजेक्ट मैनेजर को लगी फटकार
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में नरसेना क्षेत्र में गंगा नदी पर लगभग 83 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे निर्माणाधीन पुल के तीन बीम गिरने के मामले की शासन स्तर से जांच शुरू हो गई है।
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में नरसेना क्षेत्र में गंगा नदी पर लगभग 83 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे निर्माणाधीन पुल के तीन बीम गिरने के मामले की शासन स्तर से जांच शुरू हो गई है। रविवार को शासन से गठित टीम मौके पर जांच करने पहुंची और कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर की लापरवाही सामने आने पर फटकार लगाई। तकनीकी जांच दल ने जांच के लिए बीम का सैंपल एकत्रित किया। बताया जा रहा है कि आईआईटी के विशेषज्ञ प्रोफेसर भी जल्द जांच के लिए मौके पर पहुंचेंगे।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उठाए थे सवाल
बुलंदशहर जनपद और अमरोहा को जोड़ने वाला 1062 मीटर का पुल का गंगा नदी पर निर्माण चल रहा है। कार्यदायी संस्था एडिको द्वारा कार्य किया जा रहा है और सेतु निगम इसकी निगरानी कर रहा है। दिसंबर 2021 में पुल निर्माण का कार्य शुरू किया गया और मई 2024 में इसे पूरा करने का समय निर्धारित है। लेकिन अभी तक 60 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। शुक्रवार की रात को निर्माणधीन पुल के 3 बीम भर भराकर गिर गए थे। शनिवार को सपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुल के बीम गिरने पर ट्वीट कर सरकार को घेरने और पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।
प्रोजेक्ट मैनेजर को लगाई फटकार
रविवार को लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम लखनऊ के अधिकारियो का जांच दल मौके पर जांच को पंहुचा, जांच दल के आने की सूचना पर गाजियाबाद और बुलंदशहर के विभागीय अधिकारी भी मौके पर पहूंच गए। शासन के उप सचिव राजेश प्रताप सिंह, लोक निर्माण विभाग ग्रामीण के प्रमुख अभियंता अशोक अग्रवाल, राज्य सेतू निगम के प्रबंध निदेशक धर्मवीर सिंह और लोक निर्माण विभाग के पश्चिम क्षेत्र मुख्य अभियंता सदनलाल गुप्ता आदि अधिकारियो ने जांच शुरू की। जांच टीम ने कार्यदयी संस्था के इंजीनियर और निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों से नाम पते मोबाइल नंबर और उनके अनुभव की जानकारी हासिल की बातचीत के दौरान जब प्रोजेक्ट मैनेजर की लापरवाही सामने आने पर पूछताछ कर रहे अधिकारी ने उसे जमकर फटकार लगाई।
बुलंदशहर की टीम भी कर रही जांच
बुलंदशहर के डीएम सीपी सिंह ने भी सीडीओ की अध्यक्षता में तत्काल जांच टीम गठित की थी। बताया कि शुक्रवार को बीम डाले गए थे, कार्यदायी संस्था की ओर से जांच अधिकारियों को बताया गया कि जी1 की कास्टिंग 17 मार्च, जी2 की 19 मार्च और जी3 की 21 मार्च को की गई थी। जिससे स्पष्ट है कि तीनों बीम के कंक्रीट को सूखने के लिए एक सप्ताह से अधिक का समय मिला था। इसके बाद भी बीम ऐसी हालत में टूटे जब उनके ऊपर स्लैब ही नहीं डाले गए थे। जांच में सामने आया है कि बीम के कंक्रीट बनाने के दौरान कार्यदायी संस्था और सेतू निगम के अधिकारियों ने जांच के लिए सैंपल तो भरवाए, लेकिन बाद में इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। हालांकि जांच पूरी कर जांच दल शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।