जानिए क्यों भड़क गए मुख्य विकास अधिकारी, प्रधान और सचिव को भेजा नोटिस
जनपद की विभिन्न ग्राम पंचायतों में चल रहे कार्यों से संतुष्ट न होकर मुख्य विकास अधिकारी ने 23 ग्राम पंचायतों के सचिवों एवं प्रधानों को नोटिस जारी किए हैं...
औरैया: जनपद की विभिन्न ग्राम पंचायतों में चल रहे कार्यों से संतुष्ट न होकर मुख्य विकास अधिकारी ने 23 ग्राम पंचायतों के सचिवों एवं प्रधानों को नोटिस जारी किए हैं। इसका प्रमुख कारण यह रहा कि इन प्रधानों एवं सचिवों ने अपने कार्यो में शिथिलता बरती और ऑपरेशन कायाकल्प के तहत बनाए जा रहे शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कराया।
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ग्राम पंचायत सचिवों एवं प्रधानों को नोटिस जारी
गत दिवस हुई बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने सभी ग्राम पंचायत सचिवों एवं प्रधानों को नोटिस जारी करने के निर्देश जारी किए हैं। बताते चलें कि गत दिनों जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आहुत की गई थी जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ब्रजकिशोर पाठक भी मौजूद थे।
उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान ऑपरेशन कायाकल्प के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही तो उन्हें 23 ग्राम पंचायत ऐसी मिली जिनमें इस मुहिम के तहत विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण नहीं कराया जाना पाया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि विकासखंड औरैया की ग्राम पंचायत खानपुर, क्योटरा एवं अयाना में कमी पाई गई जबकि विकासखंड भाग्यनगर की ग्राम पंचायत ककराही, सौंधे मऊ एवं उमरसाना पर कार्य होता नहीं दिखाई दिया।
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इसके अलावा अजीतमल की ग्राम पंचायत बीसलपुर, विकासखंड सहार की ग्राम पंचायत पिपरौली शिव, शाहबाजपुर, धुपकरी, विकासखंड अछल्दा की ग्राम पंचायत हरचंदपुर, बोडेपुर, कमारा, घसारा, विकासखंड एरवाकटरा की ग्राम पंचायतें बरौना कला, दोवा माफी, नंगला वैश्य एवं नूराबाद शामिल हैं। जबकि विकासखंड बिधूना की ग्राम पंचायत मल्हौसी, नवादा धांधू, पुरवा पातीराम भी शामिल है।
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कार्य में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी...
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने एन ओ एल बी के अंतर्गत आरंभ न होने वाले शौचालयों के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त ग्राम पंचायतों के सचिवों का स्पष्टीकरण मांगते हुए ग्राम प्रधानों को पंचायती राज अधिनियम की धारा के अंतर्गत नोटिस निर्गत करने के आदेश दिए गए हैं। यह भी बताया कि उक्त ग्राम पंचायतों के सचिवों को स्पष्टीकरण एवं ग्राम प्रधानों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। जिनका उत्तर एक सप्ताह में दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी से निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में शिथिलता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रिपोर्ट: प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया
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