लखनऊ में कोरोना से हाहाकार: मौतों और मरीजों के मामले में रिकॉर्ड बना रही राजधानी
मौजूदा समय में लखनऊ में कोरोना संक्रमितों के 8542 सक्रिय मामले हैं। जिसमें से करीब पांच हजार से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में है।
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां कोरोना संक्रमित मरीज न मिल रहे हों। हालात यह है कि अब अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची है और हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। बीते शनिवार और रविवार को शहर में मिलने वाले नए कोरोना संक्रमितों की संख्या 1006 और 999 रही।
इतना ही नहीं कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी भयावह होता जा रहा है, यहां अब तक 437 लोगों की मौत हो चुकी है, जो यूपी में कानपुर नगर के बाद सबसे ज्यादा है। हालांकि ज्यादातर मामलों में कोरोना वायरस लोड़ कम होने के कारण इससे ठीक होने वालों की संख्या भी काफी है। लखनऊ में अब तक मिले 32 हजार 499 कोरोना संक्रमितों में से 23 हजार 520 ठीक हो चुके है।
लखनऊ में सक्रिय 8542 मामले
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मौजूदा समय में लखनऊ में कोरोना संक्रमितों के 8542 सक्रिय मामले हैं। जिसमें से करीब पांच हजार से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लखनऊ में जिस तरह से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उससे लगता है कि कोई भी इसकी जद में आ सकता है। फिलहाल राजधानी लखनऊ में रोजाना 10 टेस्ट किए जा रहे है। पिछले अगस्त महीने में लखनऊ में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 362 से शुरू हुई और करीब एक सप्ताह तक यह संख्या 600 के आसपास ही रही।
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11 अगस्त को अचानक इसमें वृद्धि हुई और यह संख्या 831 पर पहुंच गई। लेकिन इसके बाद फिर 600 से 700 के बीच का आंकड़ा ही बना रहा। फिर 16 अगस्त को 814 नए कोरोना संक्रमित मिले। इसके बाद फिर 600 से 700 के बीच आंकड़ा रहा। 30 अगस्त को 999 मरीजों के साथ नया रिकॉर्ड बना तो सितम्बर माह की शुरुआत ही 760 मरीजों के साथ हुई और 05 सितम्बर को यह 1006 तक पहुंच गई। इसी के साथ लखनऊ में कोरोना मरीजों की मौतों का आंकड़ा भी तेजी पकड़ रहा है। पहले मौतों का आंकड़ा जो 05 या 06 तक रहता था वह अब 18 तक पहुंच रहा है।
लापरवाही का नतीजा झेल रहा लखनऊ
दरअसल, अनलाक पीरिएड होने के कारण सभी कार्यालय और व्यापारिक गतिविधियां चालू हैं। हालांकि कोरोना प्रोटोकाल की निगरानी के लिए जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है लेकिन अब यह महज खानापूर्ति जैसी ही है। पुलिस भी अब लाकडाउन पीरिएड की तरह चुस्त और सख्त नहीं दिख रही है। केवल शासन व प्रशासन के स्तर पर ही नहीं लापरवाही हर स्तर पर नजर आ रही है। लखनऊ के लोग भी अब बेखौफ हो कर घूम-टहल रहे हैं।
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सड़क किनारे चाट के ठेलों और खोमचों पर लोगों की भीड़ हो या गुटखा खा कर थूकने वाले किसी को भी कोरोना संक्रमण का ड़र नहीं दिख रहा है। लोग संक्रमण से बचने के लिए नहीं बल्कि पुलिस और चालान के डर से ही मास्क लगा रहे हैं। ये हालात तब है जबकि प्रदेश सरकार के 15 मंत्री कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमे से दो की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा पुलिस व प्रशासन के कई आला अधिकारी, चिकित्साकर्मी और चिकित्सक भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
शहर के इलाकों में कोरोना संक्रमण की बात करें तो सबसे ज्यादा पाश और पढे़-लिखे लोगों वाली कालोनियों में संक्रमित पाए जा रहे हैं। राजधानी की इंदिरा नगर, गोमती नगर, जानकीपुरम और आशियाना जैसी पाश कालोनियों में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामलें सामने आ रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि सख्ती के बाद भी लोग नहीं सुन रहे। लड़ने-झगड़ने लगते हैं। अत्यधिक सख्ती करो तो ऊपर तक शिकायत करने की धमकी देते हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गोमती नगर विस्तार में कोरोना वायरस का प्रभाव पहले से थोड़ा कम हुआ है।