शासन के मानकों की अनदेखी कर रहा KGMU प्रशासन: कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा

कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने केजीएमयू प्रशासन द्वारा राजधानी लखनऊ स्थित लिंब सेंटर को खाली करा कर कोविड-19 अस्पताल बनाने के...

Update: 2020-07-24 17:29 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने केजीएमयू प्रशासन द्वारा राजधानी लखनऊ स्थित लिंब सेंटर को खाली करा कर कोविड-19 अस्पताल बनाने के तानाशाही को अनुचित करार देते हुए शासन से इसकी शिकायत की है। वीपी मिश्रा ने बताया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के बाद प्रदेश शासन ने लिंब सेंटर को कोविड-19 हॉस्पिटल बनाए जाने के संबंध में कुछ शर्तें निर्धारित की थी।

ये भी पढ़ें: खेलों के लिए बनी कांग्रेस सरकार की योजना को लागू करेगी योगी सरकार

उन्होंने बताया कि पता चला कि केजीएमयू प्रशासन द्वारा शासन द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लंघन करते हुए लिंब सेंटर को खाली कराने के निर्देश जारी किए गए थे। उन्होंने इसे गलत और शासन के निर्देशों की अवहेलना करार दिया है।

वीपी मिश्रा ने कही ये बात

वीपी मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि लिम्ब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाने के लिए शासन की पहली शर्त यह थी कि इसके लिए नियमानुसार जमीन उपलब्ध होने के बाद ही लिम्ब सेंटर में कोई काम किया जाएगा, जिस पर केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। एक शर्त यह भी है कि कुलपति या कुलसचिव केजीएमयू द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कृत्रिम अंग निर्माण कार्यशाला आरएएलसी भवन में रहेगी तथा दिव्यांगों का इलाज किसी भी दशा में बाधित नही होगा।

इस पर मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि अगर कार्यशाला आरएएलसी भवन में ही रहती है तो वहां के कर्मचारियों व दिव्यांगों को अपने काम के लिए कार्यशाला में आना ही होगा। लेकिन कोविड-19 अस्पताल होने के कारण वहां रेड जोन होगा। जो दिव्यांगों को इनफेक्टिव कर सकता है।

ये भी पढ़ें: कोरोना का सबसे खतरनाक हिस्सा तैयार, कोविड वैक्सीन पर हुई नई खोज

...सेंटर को खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया

उन्होंने बताया कि शासन ने यह भी शर्त रखी है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के बाद ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा, कार्य की गुणवत्ता मानक और विशेषताओं की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के कुलसचिव की होगी लेकिन अभी तक सूचना के अनुसार कोई तकनीकी स्वीकृति निर्माण के लिए प्राप्त नहीं हो सकी है, शासन द्वारा यह भी कहा गया था कि सभी आवश्यक अनापत्तियां तथा वैधानिक अनापत्ति जैसे फायर एवं पर्यावरणीय अनापत्ति इत्यादि सक्षम स्तर से प्राप्त करने के बाद ही कोई कार्य प्रारंभ किया जाएगा लेकिन केजीएमयू प्रशासन द्वारा बिना शर्तों को पूरा किए हुए सेंटर को खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया।

मिश्र ने कहा कि शासन के निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी कुलसचिव की होती है पर उसमें कुलसचिव द्वारा निष्पक्षता से कार्य न करते हुए दबाव में कार्य करने का रवैया प्रदर्शित हो रहा है।

ये भी पढ़ें: बलिया नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष को जान का खतरा, इस शख्स पर आरोप

मिश्रा ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि जापानी इंसेफेलाइटिस के रोगियों के उपचार में कोई समस्या ना आने पाए। राजधानी स्तर पर प्रदेश का सबसे बड़े अस्पताल मेडिकल कॉलेज के इसी लिंब सेंटर के भवन में जेई के मरीजों का उपचार किया जाता है। अगर लिंब सेंटर को कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया जा रहा है तो ऐसे समय में जापानी इंसेफेलाइटिस का इलाज उक्त लेवल पर संभव नहीं हो सकेगा जो सरकार की मंशा के विपरीत है।

ये भी पढ़ें: कल दोपहर बाद अयोध्या जा सकते हैं सीएम योगी, तैयारियों का लेंगे जायजा

Tags:    

Similar News