साइबर क्राइम का हथियार बना कम्प्यूटर, जानिए और भी बहुत कुछ

डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय आईईटी संस्थान के एमसीए विभाग में ‘‘कम्युनिकेशन एंड कंप्यूटिंग इंडस्ट्री 4.0‘‘ विषय पर दो दिवसीय ई-नेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ आज 27 जुलाई को किया गया।

Update:2020-07-27 19:45 IST

अयोध्या: डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय आईईटी संस्थान के एमसीए विभाग में ‘‘कम्युनिकेशन एंड कंप्यूटिंग इंडस्ट्री 4.0‘‘ विषय पर दो दिवसीय ई-नेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ आज 27 जुलाई को किया गया। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने इंडस्ट्री 4.0 के बारे में बताते हुए कहा कि आज का युग वर्चुअल युग है। इस प्लेटफार्म का सदुपयोग करने का यह सही समय है।

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कुलपति ने प्रतिभागियों से ऑटोमेशन से का क्या प्रभाव पड़ सकते हैं। इस बारे में बताते हुए कहा कि आने वाला युग मशीनों का युग है। हमें टेक्नोलॉजी के अनुरूप अपने आप को अपडेट करते रहना पड़ेगा।

कम्प्यूटर को एक हथियार के रूप में उपयोगा किया जाता है

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एचबीटीयू कानपुर से प्रो नरेंद्र कोहली ने साइबर क्राइम के बारे में बताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधोँ में साइबर, आतंकवाद, के्रडिट कार्ड धोखाधड़ी एवं पोर्नोग्राफी आते हैं। इनमें कम्प्यूटर को एक हथियार या उपकरण के रूप में उपयोगा किया जाता है। उन्होंने इंडस्ट्री 4.0 के बारे में कहा कि यह साइबर प्रणालियों, भौतिक प्रक्रियाओं की निगरानी के साथ-साथ भौतिक दुनियां के आभासी प्रतिलिपि का सृजन एवं विकेन्द्रीकृत निर्णय लेती हैं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डीआरडीओ, दिल्ली के सीनियर साइंटिस्ट डॉ इंदीवर गुप्ता ने बताया कि शहरी और गांव के क्षेत्रों को किस प्रकार आपस में जोड़ा जाए। उन्होंने प्रतिभागियों को वायरलेस कम्युनिकेशन, ऑटोमेशन इन कम्युनिकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सॉफ्टवेयर और सेंसर की उपयोगिता तथा आने वाले समय में कम्युनिकेशन में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी दी। तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए निरमा यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुदीप तंवर ने ब्लॉकचेन और कंप्यूटिंग में होने वाले नए बदलाव के बारे में जानकारी प्रदान की।

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इसी क्रम में संस्कृति यूनिवर्सिटी दिल्ली की डायरेक्टर प्रो दिव्या तंवर ने साइबर क्राइम तथा इससे बच्चों तथा छात्र-छात्राओं पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अपने आप को संयमित रखकर कैसे इसके दुरुपयोग से बचा जा सकता है। कार्यक्रम में कनाडा के मुख्य तकनीकी विशेषज्ञ प्रो बॉब सिनक्लेयर ने कोविड-19 में हो रहे रिसर्च तथा इस महामारी से कैसे बचा जाए इसके बारे में चर्चा करते हुए प्लाज्मा और माइक्रोबायोलॉजी में हो रहे रिसर्च के बारे में बताया। कार्यक्रम में नवीन पटेल ने बायोकेमिकल और बायोफील्ड के पेपर को प्रजेंट करके इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।

नेशनल कॉन्फ्रेंस की उपयोगिता के बारे में बताया

इस कार्यक्रम की शुरूआत में डीन कॉमर्स प्रोफेसर अशोक कुमार शुक्ला ने भारत के औद्योगिक क्षेत्र में होने वाले बदलाव के लिए इस तरह की नेशनल कॉन्फ्रेंस की उपयोगिता के बारे में बताया। संस्थान के निदेशक प्रो रमापति मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कम्युनिकेशन एंड कंप्यूटिंग फॉर इंडस्ट्री 4.0 के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में एमसीए विभागाध्यक्ष एवं समन्वयक डॉ बृजेश भारद्वाज ने सभी तकनीकी विशेषज्ञों का परिचय कराते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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इंजीनियर मनीषा यादव ने तकनीकी संचालन करते हुए नेशनल कांफ्रेंस में होने वाले पेपर प्रेजेंटेशन, पब्लिकेशन और उसके रिव्यू अधिकारी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ करण सिंह के साथ छात्र-छात्राओं के पेपर का मूल्यांकन किया। इस कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर राजीव कुमार ने बताया कि इस नेशनल कांफ्रेंस में देश-विदेश से लगभग 100 शोध-पत्र प्राप्त हुए हैं। इस अवसर पर कविता श्रीवास्तव, अखिलेश मौर्य, रमेश मिश्रा, पारितोष त्रिपाठी, रामनंदन त्रिपाठी, अमित भास्कर, दिलीप कुमार सहित अन्य शिक्षक एवं अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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