शिक्षकों का फर्जी घोटाला: सरकार ने कंसा शिकंजा, सैलरी को लेकर दिया ये आदेश

बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में एक न एक नए घोटाले सामने आ रहे हैं। फर्जी दस्तावेजों के बदौलत नौकरी कर रहे शिक्षकों पर सरकार अब पैनी नजर बनाए हुए है।

Update: 2020-06-11 06:57 GMT

नई दिल्ली। बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में एक न एक नए घोटाले सामने आ रहे हैं। फर्जी दस्तावेजों के बदौलत नौकरी कर रहे शिक्षकों पर सरकार अब पैनी नजर बनाए हुए है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में 6 फर्जी शिक्षकों से पैसों की रिकवरी के लिए सरकार ने नोटिस भेजा है।

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सैलरी को रिकवर करने का फैसला

बता दें, इसके पहले ही इन शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज है। साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति पर जांच बैठाई जा चुकी है। अब प्रदेश सरकार ने इनसे फर्जी नौकरी के दौरान दी गई सैलरी को रिकवर करने का फैसला किया है। हालांकि पुलिस भी पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।

इसके अलावा फर्जी शिक्षकों में ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी दूसरे का कागजात का इस्तेमाल कर नौकरी पाई है। इनमें कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी डिग्री किसी फर्जी यूनिवर्सिटी से बनवाई है। जिसके आधार पर ये कई सालों से नौकरी कर रहे थे।

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शिक्षकों को 20 जून तक का समय

ऐसे में सामने आई जांच में मिली जानकारी के अनुसार, पूरे यूपी में फर्जी शिक्षकों की संख्या लगभग 5,000 के आसपास है। जैसे-जैसे विभागीय जांच शुरू की जाएगी, ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं। साथ ही सरकार ने सभी शिक्षकों को 20 जून तक का समय दिया है।

और 20 जून तक सभी फर्जी शिक्षकों को जितनी सैलरी मिली है, उसे वापस भी करना होगा। अगर फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षक पैसे नहीं लौटाएंगे, तो उनके खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।

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