किसान आन्दोलन: टोल प्लाजा पर किया कब्जा, यमुना एक्सप्रेस वे पर लगा भीषण जाम
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र ने किसानों के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। विपक्ष पर हमला बोलते हुए देश और प्रदेश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।
लखनऊ: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसान संगठनों द्वारा बुलाय गये भारत बंद की अवधि अब समाप्त हो चुकी है। 11 राजनीतिक दलों ने किसान आन्दोलन का समर्थन किया था।
यूपी से लेकर बिहार और पंजाब से लेकर दिल्ली तक जगह-जगह कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। किसानों के समर्थन में आज कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।
कई राज्यों से ट्रेनें रोके जाने की भी खबर आई है। कुछ स्थानों पर पुलिस और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं बीच तीखी झड़प भी हुई है।
यूपी के मथुरा में भारत बंद के मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेताओं और किसानों ने यमुना एक्सप्रेस वे मांट टोल प्लाजा बंद कर दिया। किसान टोल प्लाजा के सामने धरने पर बैठ गए।
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एक बार पहले भी किसानों टोल पर किया था कब्जा
यमुना एक्सप्रेस पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। इस दौरान भाकियू के नेताओं ने जमकर हंगामा किया। जिसको देखते हुए मौके पर पीएसी और पुलिस बल तैनात किया गया है।
उधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों के वार्ता करने और समझाने पर किसानों ने एक बार तोड़कर टोल को भी फ्री कर दिया गया था। लेकिन फिर दोबारा किसान हरकत में आए और उन्होंने दोबारा रोड को जाम कर दिया।
वहीं नोएडा से आगरा जाने वाले मार्ग पर तमाम वाहनों की लंबी कतार लग गई। भारत बंद का आवागमन पर बहुत ही ज्यादा असर देखने को मिला।
इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि किसी भी हाल में आम आदमी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने जबरन दुकान बंद करवाने वालों पर सख्ती के निर्देश भी दिए थे।
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सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र ने किसानों के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। विपक्ष पर हमला बोलते हुए देश और प्रदेश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राजनीतिक दलों द्वारा वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। खासतौर पर APMC एक्ट पर राजनीतिक दलों का वर्तमान रवैया उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है। भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अराजकता फैलाई जा रही है। ये ठीक बात नहीं है।
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