Gorakhpur News: 50 लाख छोटे उद्यमियों को योगी सरकार ने दी बड़ी राहत, अब देना होगा सिर्फ आवासीय कर

Gorakhpur News: लघु उद्योग भारती द्वारा ढाई वर्षों से उद्योगों का गृहकर कम किए जाने तथा आवासीय गृहकर के बराबर किए जाने के लिए प्रयास किया जा रहा था।

Update: 2024-07-11 04:59 GMT

औरंगाबाद में टेराकोटा शिल्पकार (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: नगर पालिका और नगर पंचायत के दायरे में स्थापित 50 लाख से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब टाउन एरिया, नगर पालिका के दायरे में स्थापित छोटे उद्योगों को सिर्फ आवासीय कर देना होगा। अभी तक इन्हें आवासीय कर तीन गुना कर देना होता है। इससे प्रदेश के लाखों छोटे उद्यमियों को सीधा लाभ पहुंचेगा। यह छूट नगर निगम एरिया में स्थापित छोटे-बड़े किसी प्रकार के उद्योगों को नहीं मिलेगी। उद्यमी नगर निगम के दायरे में आने वाले उद्योगों को भी इस दायरे में लाने की मांग नगर विकास मंत्री अरविंद सिंह ने की है।

पिछले जून में जारी किया गया था आदेश

शासन ने औद्योगिक संगठनों की मांग को मंजूर करते हुए लघु और सूक्ष्म श्रेणी में आने वाले उद्योगों से आवासीय कर ही वसूले जाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर पिछले 24 जून को शासनादेश जारी किया गया है। फिलहाल यह छूट नगर पालिका और नगर पंचायतों के दायरे में आने वाले उद्योगों को मिलेगी। प्रदेश के 17 नगर निगमों को छोड़ दें तो सभी नगर पालिका से लेकर नगर पंचायतों में स्थापित उद्योगों को राहत मिलेगी। इस निर्णय से बस्ती, संतकबीर नगर, महराजगंज, सिसवा, फरेंदा, देवरिया में सैकड़ों यूनिटों को लाभ होगा। लघु उद्योग भारती के मंडल अध्यक्ष दीपक कारीवाल ने बताया कि सूक्ष्म और लघु उद्यमियों की वर्षों पुरानी मांग प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर भारी राहत दी है। इस श्रेणी के उद्यमियों का गृहकर आवासीय के बराबर कर दिया गया है। उद्यमी अभी तक आवासीय का तीन गुना हाउस टैक्स दे रहे थे। हालांकि मध्यम श्रेणी और बड़े उद्यमियों को गृहकर का तीन गुना टैक्स देना होगा।

सरकार ने उद्यमियों के इस दलील पर दी राहत

उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की 90 लाख से अधिक इकाइयां स्थापित हैं। इनमें से ज्यादेतर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में स्थापित हैं। इन उद्योगों को लेकर उद्यमियों की दलील थी कि शासन की मंशा के अनुरूप हरित क्षेत्र के साथ खाली जमीन उद्योगों को स्थापित करते समय छोड़ी जाती है। ऐसे में आवास का तीन गुना शुल्क देने का कोई औचित्य नहीं है। उद्यमियों की यह भी दलील थी कि छोटे उद्यमियों के पास पूंजी कम होती है। प्रतिस्पर्धा के चलते फिक्स खर्च कम से कम करना सबसे बड़ी चुनौती है। उधर, लघु उद्योग भारती की प्रदेश इकाई ने नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा को भेजे गए पत्र में नगर निगम के दायरे में आने वाले उद्योगों को भी राहत देने की मांग की है।

लघु उद्योग भारती लगातार उठा रहा था मांग

लघु उद्योग भारती द्वारा ढाई वर्षों से उद्योगों का गृहकर कम किए जाने तथा आवासीय गृहकर के बराबर किए जाने के लिए प्रयास किया जा रहा था। लघु उद्योग भारती के गोरखपुर के अध्यक्ष महेश रूंगटा ने बताया कि सरकार की सहूलियत से लाखों उद्यमियों का बोझ करीब 70 फीसदी तक घट गया है। छोटे उद्यमियों की ज्यादेतर इकाइयां लीज पर हैं। उद्यमी किरायेदार हैं। उन्हें ये राहत देकर प्रदेश सरकार ने बड़ा योगदान दिया है। इसका असर प्रदेश में निर्यात और सकल घरेलू उत्पाद पर दिखाई देगा।  

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