Hapur News: हापुड़ डिपो के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर की जांच,15 कर्मचारियों में मिले टीबी के लक्षण

Hapur News: जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण अपर्याप्त और कम पौष्टिक भोजन, स्वच्छता का अभाव, कम जगह में ज्यादा लोगों का रहना, टीबी के मरीज के संपर्क में रहना व उसकी चीजों को इस्तेमाल करना है।

Report :  Avnish Pal
Update: 2024-02-03 08:09 GMT

Hapur News: यूपी के हापुड़ जनपद के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रोडवेज बस स्टैंड पर शिविर लगाकर रोडवेज कर्मचारियों की जांच की। स्वास्थ्य विभाग को जांच में 15 कर्मचारियों में टीबी के लक्षण मिले। टीम ने सैंपल जुटाकर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला के लिए भेजा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम शिविर में 65 रोडवेज कर्मचारियों की जांच की थी।

क्या कहते है जिला क्षय रोग अधिकारी

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण अपर्याप्त और कम पौष्टिक भोजन, स्वच्छता का अभाव, कम जगह में ज्यादा लोगों का रहना, टीबी के मरीज के संपर्क में रहना व उसकी चीजों को इस्तेमाल करना है। इसके अलावा टीबी के मरीजों के कहीं भी थूकने, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने और बीच में ही दवाओं को छोड़ने से भी टीबी रोगी बढ़ रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।


एक बीमार 10-12 लोगों को बनाता है शिकार

टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) का अगर एक मरीज इलाज नहीं कराता है तो वह 10 से 12 मरीजों को टीबी का शिकार बना सकता है। यदि व्यक्ति को टीबी हो और उसे इसका पता न हो तो उसकी वजह से और भी लोग टीबी के मरीज हो सकते हैं।

ये लक्षण दिखें तो जांच कराएं

- दो हफ्ते से लगातार खांसी होना।

- बुखार और भूख न लगना।

- रात में पसीना आना।

- वजन में लगातार गिरावट। 

यह है टीबी रोग

टीबी एक गंभीर, संक्रामक और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है और जानलेवा हो सकती है। डॉट्स सेंटरों पर इसकी दवाएं मुफ्त मिलती हैं। जिला अस्पताल में इसका केंद्र है।

घबराएं नहीं, इलाज कराएं

सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी ने बताया कि रोग को न छिपाएं, यह लाइलाज नहीं है। समय पर उपचार से छुटकारा मिल सकता है। दवाओं के साथ पौष्टिक आहार भी जरूरी है। शरीर में पोषक तत्व सेहत को मजबूत करते हैं। शिविर में कुल 65 कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की गई है। टीबी से मिलते जुलते लक्षण पाए जाने पर जांच के लिए कर्मचारियों का नमूना लिया गया है।  

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