Hardoi News: मनाया गया अखंड भारत संकल्प दिवस,भारत माता की जय और वन्देमातरम के घोष से वातावरण हुआ गुंजायमान

Hardoi News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह संजीव ने कहा कि हम भारतवासियों को आज भी सही इतिहास की जानकारी नहीं है। हमारा इतिहास आज के भारत में ही नहीं वरन अफगानिस्तान से लेकर कम्बोडिया लाओस, व तिब्बत भूटान से लेकर श्रीलंका तक फैला है।

Update:2023-08-11 22:11 IST
(Pic: Newstrack)

Hardoi News: नगर के प्रतिष्ठित जे के पब्लिक स्कूल में सैकड़ों विद्यार्थियों के साथ अखण्ड भारत मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह संजीव ने कहा कि हम भारतवासियों को आज भी सही इतिहास की जानकारी नहीं है। हमारा इतिहास आज के भारत में ही नहीं वरन अफगानिस्तान से लेकर कम्बोडिया लाओस, व तिब्बत भूटान से लेकर श्रीलंका तक फैला है। हिन्दू धर्म व बौद्ध धर्मं के मंदिर अफगानिस्तान, कम्बोडिया तिब्बत यहाँ तक की चीन और जापान में भी मिलते हैं। शारदा पीठ और हिंगला माता का मंदिर पकिस्तान में है। कम्बोडिया में अंकोर वाट का विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है। ढाकेश्वरी माता का मंदिर बांग्लादेश के ढाका में है। भगवान शंकर का कैलाश पर्वत और मानसरोवर भी आज चीन का हिस्सा है। प्रमाण हर जगह हैं। ज़रूरत है तो सिर्फ आँखे खोलने की।.

पूर्व के नेताओ के चलते विभाजन के समय पाक अधिकृत कश्मीर और १९६२ में अक्साई चीन हमारे दुश्मन देशों के कब्ज़े में चला गया। 1876 में अफगानिस्तान, 1904 में नेपाल, 1906 में भूटान, 1914 में तिब्बत, 1935 में श्रीलंका, 1937 में म्यामार और फिर 1947 में पाकिस्तान हमसे अलग हुआ। हमारे पूर्व के नेताओं की कुछ ऐतिहासिक भूलों की वजह से विभाजन के समय पाक अधिकृत कश्मीर और १९६२ में अक्साई चीन हमारे दुश्मन देशों के कब्ज़े में चला गया।

उन्होंने आगे कहा अखंड भारत कोई असम्भव स्वप्न नहीं है। खंडित देशों के पुनः अखंड होने के कई उदहारण हैं। जर्मनी, वियतनाम आदि देश हाल में ही एक हुए हैं। इजराइल जैसा देश अठारह सौ साल की लम्बी लड़ाई के बाद अपनी मातृभूमि पा सका और आज चारों तरफ दुश्मनों से घिरा होने के बाद भी सीना ताने खड़ा है। देश तो बनते और टूटते हैं लेकिन राष्ट्र कभी टूटता नहीं है। भले ही हमारी राजनीतिक इकाइयां अलग—अलग हों लेकिन सांस्कृतिक एकता अक्षुष्ण रहनी चाहिए। हमारी अखंडता का मार्ग सांस्कृतिक है। और यही अखंड भारत की संकल्पना है।

भारत माता की जय और वन्देमातरम के घोष से गुंजा वातावरण

कार्यक्रम का समापन भारत माता की आरती के साथ हुआ। स्कूल के विद्यार्थियों ने भारत माता की जय और वन्देमातरम के घोष से वातावरण को गुंजायमान रखा। इस अवसर के मुख्य वक्ता के अतरिक्त विभाग संघ चालक शिवस्वरूप, प्रबंधक राजीव मोहन अवस्थी, जिला संपर्क प्रमुख कृष्ण कुमार, जिला प्रचार प्रमुख प्रभाकर, नगर कार्यवाह विनय व नगर महविद्यालयीन प्रमुख विनय प्रताप सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं व शिक्षक उपस्थित रहे.

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